मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना (Chief minister free medicine scheme) में 8 वर्ष से संविदा (contracts) पर लगे कम्प्यूटर ऑपरेटर (मैन विद मशीन) (computer operator ) की नौकरी पर संकट खड़ा हो गया है। इन संविदा कर्मियों (Contract workers) को रखे जाने को लेकर 29 फरवरी 2020 तक ही वित्त विभाग (finance department) से अनुमति मिली हुई है। ऐसे में यदि इनकी वित्तीय अनुमति का आगामी वर्ष के लिए नहीं बढ़ाया गया तो इन्हें 1 मार्च से सेवा से हटाए जाने का खतरा मंडराने लगा है।
शुभकामनाएं दीं लेकिन स्थाई नहीं किया
इसको लेकर अखिल राजस्थान मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा एवं जांच योजना कम्प्यूटर ऑपरेटर महासंघ ने 24 फरवरी को कलक्ट्रेट पर धरना देने का एलान किया है। महासंघ प्रदेशाध्यक्ष राकेश पारीक ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में नि:शुल्क दवा योजना में कार्यरत ऑपरेटर को बधाई और शुभ कामनाएं दी, लेकिन उन्हें स्थायी करने को लेकर कुछ नहीं किया। इससे प्रदेश में आठ वर्ष से संविदा पर कार्यरत लगभग 4 हजार कम्प्यूटर ऑपरेटर का भविष्य संकट में है। यदि शीघ्र वित्त विभाग ने वित्तीय स्वीकृति नहीं दी तो सभी संविदाकर्मियों को नोटिस देकर हटाया जा सकता है।
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