न्यूजीलैंड को टेस्ट सीरीज के पहले मनोवैज्ञानिक बढ़त, भारत ने कीवी टीम को वापसी का मौका दिया

खेल डेस्क. टी-20 सीरीज 5-0 से जीतने के बाद भारत के वनडे में भी अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद थी। लेकिन रिजल्ट नाखुश करने वाले हैं। विराट कोहली एंड कंपनी ने दोनों ही मैचों में न्यूजीलैंड को वापसी का मौका दिया। अंतिम मैच में क्या होता है, यह देखने वाली बात होगी। दूसरे वनडे में भले ही हमें हार मिली हो। लेकिन अय्यर, जडेजा और नवदीप सैनी ने अच्छा संघर्ष किया। हालांकि अच्छी पिच पर 274 रन का लक्ष्य कठिन नहीं था। लेकिन टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज खास प्रदर्शन नहीं कर सके। इस कारण मेजबान टीम को हावी होने का मौका मिला। एक समय भारतीय टीम का 200 रन तक पहुंचना मुश्किल दिख रहा था लेकिन अय्यर, जडेजा और सैनी ने अच्छा संघर्ष दिखाया।

यह हमारी न्यूजीलैंड के खिलाफ लगातार तीसरी हार है। टी-20 के मुकाबले न्यूजीलैंड की टीम वनडे में अच्छी है। हालांकि पिछले कुछ सालों में टीम इंडिया रैंकिंग में ऊपर है और मैच भी अधिक जीते हैं। वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में मिली हार अप्रत्याशित थी। सीरीज में हमारे पास बदला लेने का मौका था। लेकिन हम ऐसा नहीं कर सके। टी-20 सीरीज हारने के बाद वनडे के दोनों मैच में मुख्य बल्लेबाज और कप्तान केन विलियम्सन के बिना टीम ने अच्छा संघर्ष दिखाया। दोनों मैचों में मेजबान टीम ने रोस टेलर के दम पर मैच में वापसी की।

रोहित और धवन का नहीं होना बड़ा फर्क

आखिर, टीम इंडिया ने क्या गलत किया। रोहित और धवन का नहीं होना बड़ा फर्क है। कोहली भी कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सके। अय्यर और राहुल ने अच्छा खेल दिखाया। मैनेजमेंट राहुल को नंबर-5 के लिए बेस्ट मान रही है। उनकी फॉर्म को देखते हुए उन्हें अधिक से अधिक ओवर खेलने का मौका देना चाहिए। मयंक अग्रवाल और पृथ्वी शॉ अपनी छाप नहीं छोड़ सके हैं।

जाधव को गेंदबाजी नहीं दी गई

जाधव को लेकर कुछ सवाल हैं। उन्हें गेंदबाजी का मौका नहीं मिला। अगर जाधव को गेंदबाजी नहीं दी जाती है तो मौजूदा फॉर्म को देखते हुए उनकी जगह मनीष पांडे को टीम में जगह मिलनी चाहिए। गेंदबाजी में कुलदीप और बुमराह कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सके। भले ही कोहली कह चुके हैं कि इस साल टीम के वनडे अधिक महत्वपूर्ण नहीं है। लेकिन एक छोटी जीत टीम को बड़ी जीत के लिए प्रोत्साहित करती है। एक फॉर्मेट का रिजल्ट दूसरे पर प्रभाव डालता है। दो टेस्ट सीरीज के पहले टी-20 सीरीज जीतकर भारतीय टीम ने जो मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल की थी, वह कम हो गई है। टेस्ट सीरीज के पहले घरेलू रिकॉर्ड को देखते हुए न्यूजीलैंड का पलड़ा भारी है। टीम इंडिया को तेजी से फॉर्म हासिल करनी होगी।



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भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड को 5 टी-20 की सीरीज में क्लीन स्वीप किया था।


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