Budget 2020: 50 चीजों पर बढ़ सकती है इंपोर्ट ड्यूटी, जानें कौन से सामान हो जाएंगे महंगे

नई दिल्ली। वित्त मंत्री ( finance minister ) निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman ) आज अपना दूसरा बजट पेश करने जा रही हैं। भारत की अर्थव्यवस्था मौजूदा दौर में तंगहाली के दौर से जूझ रही है। ऐसे में ये इस बात पर सभी की नज़रे लगी होगी कि वित्त मंत्री के बजट पिटारे से देशवासियों के लिए क्या नया निकलेगा।

केंद्र सरकार से उम्मीद की जा रही है कि आम लोगों को टैक्स ( Tax ) छूट का लाभ मिले वहीं, कॉरपोरेट सेक्टर भी सरकार से कई तरह राहत की आस लगाए हुए है। बजट 2020 ( budget 2020 ) में भारत विदेशों से आने वाली 50 चीजों पर इंपोर्ट ड्यूटी ( Import Duty ) बढ़ा सकता है।

जिन चीजों पर इंपोर्ट ड्यूटी ( Import Duty ) बढ़ने की संभावना है उनमें मोबाइल चार्जर, फर्नीचर, कैंडल, हैंडिक्राफ्ट, केमिकल, लैंप, आदि वस्तुओं शामिल हैं। ऐसे में इस बात के कयास भी लगाए जा रहे है कि बजट के बाद इनकी सब चीजों की कीमतें बढ़ना तय हैं।

एक रिपोर्ट के मुताबिक कुल मिलाकर 56 अरब डॉलर यानी 3 लाख करोड़ के आयात पर शुल्क बढ़ सकता है।ड्यूटी बढ़ाने का फैसला मंदी से निपटने और घरेलू उत्पादकों को अन्य देशों से प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए किया जा सकता है।हालांकि सरकार की तरफ से अभी कोई पुष्टि नहीं हुई है।

अगर ये फैसला हुआ तो मोबाइल उत्पादकों पर इसका नकारात्मक असर पड़ेगा क्योंकि वो चीन से सस्ते पार्ट्स मंगाते हैं। वहीं IKEA जैसे नए रिटेलरों के लिए भी ये बुरी खबर होगी क्योंकि नई कम्पनियां भारत में रूख करने से हिचक सकती है।मीडिया की खबरों के मुताबिक सरकार गैर जरूरी चीजों के आयात में कमी लाना चाहती है।

जिससे घरेलू उत्पादकों को चीन जैसे बड़े निर्यातक देशों के उत्पादकों से मुकाबला करने की संभावना दिखे। वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों ने देश के उद्योगपतियों से बातचीत के दौरान केंद्र सरकार से 130 सामानों के आयात पर शुल्क बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन सूत्रों के मुताबिक सरकार सिर्फ 50 चीजों पर ही ड्यूटी बढ़ाने के लिए राजी हुई है।

इसके साथ ही सरकार ड्यूटी बढ़ाने के साथ ही गुणवत्ता स्टैंडर्ड लागू कर भी आयात को कंट्रोल करने की कोशिश कर सकती है। फिलहाल आयात होने वाले सिर्फ 10% सामान पर ही पर्यावरण, सुरक्षा और सेहत के स्टैंडर्ड लागू होते हैं। इसके अलावा वाणिज्य मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से बॉर्डर एडजस्टमेंट टैक्स ( BAT ) भी लगाने की मांग की है।



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