SBI के बाद अब इन बैंकों ने शुरू किया Corona Emergency Loan

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण देशभर में चल रहे लॉकडाउन की वजह से भले ही केंद्र सरकार ने 1.70 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया हो, लेकिन कारोबारियों को राहत के लिए तुरंत कैश की जरुरत है। इस जरुरत हो पूरा करने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बाद देश के एक दर्ज सरकारी बैंक सामने आए हैं, जिन्होंने कोरोना इमजेंसी लोन की शुरूआत की है। अलग-अलग बैंकों की लोन स्कीम अलग है। ऐसे आज आपको कुछ बैंकों की स्कीम बताने जा रहे हैं ताकि आपको आसानी हो सके कि आपके लिए कौन सी बेहतर है।

इन बैंकों की ओर से शुरू हुई सर्विस
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बाद अब इमरजेंसी लोन देने वाले बैंकों की फेहरिस्त अब लंबी हो गई है। जिसमें पंजाब नैशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सिंडिकेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक तथा आंध्र बैंक शामिल हैं। इंडियन बैंक एसोसिएशन की ओर से एसबीआई की सर्विस की तारीफ की थी, साथ दूसरे बैंकों से भी इमरजेंसी लोन लाने के लिए कहा था। जिसके बाद दूसरे बैंकों की ओर से भी इस तरह के लोन की शुरूआत की गई है।

छोटे कारोबार को 8.15 फीसदी पर मिलेगा लोन
बैंक ऑफ बड़ौदा ने एसबीआई की तर्ज पर बड़ौदा कोविड इमर्जेंसी क्रेडिट लाइन की शुरुआत की है। यह स्वीकृत लोन सीमा के 10 फीसदी तक अतिरिक्त धन मुहैया कराएगा। कॉर्पोरेट के लिए ब्याज दर स्‍टैंडर्ड प्रीमियम के बिना 8.15 फीसदी होगी। एमएसएमई को 8 फीसदी की दर से लोन मिलेगा। वहीं दूसरी ओर बैंक ऑफ इंडिया ने कारोबार के लिए कोविड इमर्जेंसी सपोर्ट स्‍कीम चालू की है। जिसमें कॉरपोरेट अपनी मौजूदा कार्यशील पूंजी सीमा पर 20 फीसदी अतिरिक्त क्रेडिट का लाभ ले सकते हैं। वहीं नौकरीपेशा को लोगों को उनकी लास्ट सैलरी स्लिप पर दर्ज रुपयों का तीन गुना लोन दिया जाएगा। वहीं यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ऐसे कारोबारियों को कर्ज दे रहा है जिनपर लॉकडाउन का काफी असर देखने को मिला है। यह लोन उनकी कार्यशील पूंजी के 10 फीसदी तक दिया जाएगा।

एसबीआई की क्रेडिट लाइन
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने देश के कारोबारियों के लिए कोविड19 इमर्जेंसी क्रेडिट लाइन नाम की यह सुविधा चालू की है। कैपिटल लिमिट के 10 फीसदी के बराबर होगी। खास बात ये है कि इसमें 200 करोड़ रुपए तक का अधिकतम लोन लिया जा सकेगा। इस लोन योजना के तहत लिए गए ब्याज दर की लिमिट 7.25 फीसदी रखी गई है। इस सुविधा के तहत कोई प्रोसेसिंग फीस या फिर प्रीपेमेंट पेनल्टी नहीं ली जाएगी। यह सुविधा 30 जून 2020 तक उपलब्ध होगी।



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