फुटबॉल की वर्ल्ड संस्था फीफा के पूर्व अधिकारियों पर वर्ल्ड कप की मेजबानी में मदद करने के लिए रिश्वत के आरोप लगे हैं। अमेरिका की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में नया मामला सामने आया है। इसके अनुसार फीफा की एक्जीक्यूटिव कमेटी के कई सदस्यों को मेजबानी के लिए पक्ष में वोट देने के लिए रिश्वत मिले या ऑफर दिए गए। फीफा के पूर्व उपाध्यक्ष त्रिनिदाद टोबेगो के जैक वॉर्नर को शेल कंपनियों से लगभग 37 करोड़ मिले। उन्होंने 2018 में हुए वर्ल्ड कप के लिए रूस के पक्ष में वोट किया था।
साउथ अमेरिका की गवर्निंग बॉडी के पूर्व अध्यक्ष निकोलस लियोज और ब्राजील फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष रिकार्डो टिसिरा पर आरोप लगे हैं। दोनों पर पैसे लेकर 2022 में कतर में होने वाले वर्ल्ड कप के पक्ष में वोट देने की बात कही गई है।
अमेरिका की मीडिया कंपनी फॉक्स के अधिकारी भी फंसे
अमेरिका की मीडिया कंपनी फॉक्स के पूर्व अधिकारियों पर ब्रॉडकास्ट राइट बरकरार रखने के लिए साउथ अमेरिका के अधिकारियों को पैसे देने की बात कही गई है। एफबीआई के असिस्टेंट डायरेक्टर इंचार्ज विलियम स्वीनी ने कहा कि इंटरनेशनल फुटबॉल में मुनाफाखोरी और रिश्वत की बातें दशकों से जारी है। इसके बार में सभी जानते हैं। एफबीआई पूरे मामले की जांच कर रही है। फीफा ने 10 साल पहले रूस और कतर को विवादास्पद तौर पर वर्ल्ड कप की मेजबानी दी थी। 2015 में यह मामला सामने आया। अध्यक्ष सैप ब्लेटर को इस्तीफा देना पड़ा था।
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