अमेरिका के पूर्व मरीन कॉर्प्स 54 साल के डेविड विलियम्स ने 18 दिन में कोरोना को हरा दिया है। अस्पताल में 18 दिन तक भर्ती रहने के दौरानवे 8 दिन वेंटिलेटर पर रहे। उनकी हालत देखकर,एक वक्त तो डॉक्टर ने भी कह दिया था कि शायद अब वे जिंदा नहीं लौट पाएंगे।लेकिन, डेविडकोरोना से जंग जीत गए। ठीक होने के बादजब उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया, तो स्टाफ भावुक हो गया। सभी ने उन्हेंतालियां बजाते हुए विदा किया।
डेविड बताते हैं, "16 मार्च को मुझे अचानक तेज ठंड लगी। ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने मुझेबर्फीले पानी में डाल दिया हो। यह हड्डियां गलाने वाला अनुभव था।मैंने खुद को तुरंत घर के पिछले कमरे में क्वारैंटाइन कर लिया। इसके बाद मुझे बुखार, खांसी और सिरदर्द होने लगा। मैं स्वाद भी नहीं पहचान पा रहा था और सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी।"
परिवार से किसी को आने की इजातत नहीं थी
जब डेविड अस्पताल पहुंचे, तो उनका फ्लूटेस्ट हुआ, जोनिगेटिव आया। इसके बाद,19 मार्च को कोरोना टेस्ट हुआ। 22 मार्च को नतीजे पॉजिटिव निकले। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत बिगड़ने पर वेंटिलेटर लगाया गया। डॉक्टर भी ठीक होने को लेकर शंकित थे।डेविड ने कहा- 26 मार्च को जब मेरी तबियत ज्यादा बिगड़ी, तो वेंटिलेटर लगा दिया गया। गले में ट्यूब डाली गई, ताकि हवा फेफड़ों तक पहुंच सके। मैं चिंतित और बिल्कुल अकेला था। सख्त ‘नो विजिट पॉलिसी’ की वजह से पत्नी और तीन बच्चे साथ नहीं थे।’
अस्पताल का स्टाफ मिरेकल पेशेंट कहताहै
डेविड कहते हैं-8 दिन वेंटिलेटर पर रहने के बाद आंख खुली, तो अप्रैल शुरू हो चुका था। मैं बच गया था। बिना मशीन के सांस भी ले पा रहा हूं। अस्पताल में गुजारे 18 दिन में से 8 दिन वेंटिलेटर पर रहा। जब डिस्चार्ज हुआ, तो पूरा स्टाफ भावुक हो गया। उन्होंने मुझे तालियां बजाकर विदा किया। अब वे मुझे मिरेकल पेशेंट कहने लगे हैं।
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