इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने फुटबॉल का उदाहरण देकर भारतीय कप्तान विराट कोहली की जीत की ललक और रनों की भूख को बताया। उन्होंने कहा कि कोहली मैच से पहले फुटबॉल खेलकर प्रैक्टिस करते हैं, तो उन्हें देखकर लगता है जैसे वे क्रिकेट मैच की नहीं बल्कि फीफा वर्ल्ड कप के फाइनल की तैयारी कर रहे हैं। इन दिनों कोरोनावायरस के कारण विश्व के सभी खेल टूर्नामेंट्स को रद्द या टाल दिया गया है। सभी खिलाड़ी घर में बैठकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए लाइव चैटिंग कर रहे हैं।विराट कोहली ने 86 टेस्ट में 7240, 248 वनडे में 11867 और 82 टी-20 में 2794 रन बनाए हैं।
नासिर ने स्टार स्पोर्ट्स चैनल के कार्यक्रम 'क्रिकेट कनेक्ट' में कहा, ‘‘मेरा मानना है कि उनके (कोहली) सफल होने में उनकी रन बनाने की भूख और जीतने की ललक काफी महत्वपूर्ण है। मैंने उन्हें फुटबॉल खेलते देखा है। टीम इंडिया जब प्रैक्टिस के दौरान फुटबॉल खेलती है, तब कोहली का खेल देखने लायक होता है। वे ऐसी फुटबॉल खेलते हैं, जैसे फीफा वर्ल्ड कप का फाइनल, एफए कप का फाइनल या फिर प्रीमियर लीग का आखिरी मुकाबला खेल रहे हों।’’
‘कोहली की नजर सिर्फ जीत पर होती है’
नासिर ने कहा, ‘‘कोहली इसी ऊर्जा को क्रिकेट में भी लेकर जाते हैं, इसलिए वे रन चेज करने के मामले में शानदार हैं। उनका पूरा ध्यान मैच निकालने पर होता है, और आप भी उन्हें ऐसी स्थिति दे देते हैं, जहां से वे मैच आसानी से निकाल देते हैं। मैच जीतने की ललक उनसे ज्यादा किसी में नहीं है। सच कहूं तो मेरा मानना है कि कोहली निजी रिकॉर्ड्स पर ध्यान नहीं देते हैं। वे सिर्फ जीत और हार के आंकड़े पर ही ध्यान देते हैं।’’ नासिर ने 1999 से 2004 तक इंग्लैंड का नेतृत्व भी किया है।
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