नई दिल्ली: Coronavirus के चलते देशभर में Lockdown होने से टेलिकॉम कंपनियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। लॉकडाउन की वजह से ओवरऑल Mobile रीचार्ज वॉल्यूम में 35 फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स और एनालिस्ट्स का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से करीब 37 करोड़ फीचर फोन यूजर बेस की आधी संख्या पर सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा है, जिसमें सबसे अधिक प्रवासी मजदूर शामिल हैं, जो अपना फोन नहीं रीचार्ज करा पा रहे हैं।
टेलीकॉम कंपनियों ने बढ़ाई वैधता
देशभर में 115 करोड़ मोबाइल यूजर्स में से 90 फीसदी से ज्यादा प्रीपेड सब्सक्राइबर्स हैं, जिन्हे लगातार कनेक्टिविटी के लिए समय समय पर रीचार्ज करना पड़ता है, लेकिन लॉकडाउन के बाद इसमें काफी कमी देखी जा रही है। दुकानों के जरिए होने वाले रीचार्ज की संख्या न के बराबर हो गयी है क्योंकि लोग फोन रीचार्ज कराने के लिए नजदीकी किराना स्टोर या मोबाइल स्टोर पर नहीं जा पा रहे हैं। यही वजह है कि टेलीकॉम कंपनियों ने अपने यूजर्स को परेशानी से निकालने के लिए अपने प्लान की वैलिडिटी को 17 अप्रैल तक बढ़ा दी है। साथ ही एयरटेल, वोडाफोन-आईडिया और बीएमएनएल ने 10 रुपये का टॉकटाइम देने का ऐलान किया है।
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नहीं जुड़ पा रहे नए यूजर्स
इंडस्ट्री के एग्जिक्यूटिव्स और एक्सपर्ट्स का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से टेलीकॉम कंपनियों के मंथली न्यू यूजर की संख्या में कमी और डिजिटल रीचार्ज में भी गिरावट देखी गयी है। इसके अलावा करीब 50 पर्सेंट फीचर फोन यूजर्स रीचार्ज नहीं करा पा रहे हैं, जिसकी वजह से देश तीन बड़ी टेलीकॉम कंपनियों को 15 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। हालांकि एनालिस्टों का कहना है कि इससे वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही में भारती एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन आइडिया के रेवेन्यू पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है, क्योंकि लॉकडाउन मार्च के चौथे हफ्ते में शुरू किया गया था।
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