सुप्रीम कोर्ट ने नेतन्याहू को सरकार बनाने की अनुमति दी, 13 मई को लेंगे प्रधानमंत्री पद की शपथ

इजराइल के सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री बेंजामीन नेतन्याहू कोबड़ी राहत दी है। कोर्ट ने बुधवार को उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद सरकार बनाने की अनुमति दे दी। भ्रष्टाचार के आरोपों के आधार पर उन्हें अयोग्य घोषित करने के लिए दायर की गई याचिका भी खारिज कर दी गई। कोर्ट ने नेतन्याहूऔर पूर्व सेना प्रमुख बेनी गांत्ज के साथ सत्ता साझेदारी रोकने से भी इनकार कर दिया। दोनों नेताओं के बीच 18 महीने के अंतराल पर प्रधानमंत्री पद संभालने पर सहमति बनी है। नेतन्याहू 13 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे।
कोर्ट से सरकार बनाने की मंजूरी मिलने के बाद नेतन्याहू लगातार चौथी बार प्रधानमंत्री बनेंगे। यह उनका प्रधानमंत्री के तौर पर पांचवा कार्यकाल होगा। उनके प्रधानमंत्री बनने का विपक्षी पार्टियां लगातार विरोध कर रही थीं।

चुनाव में नहीं मिली थी नेतन्याहू को जीत
मार्च में हुए संसदीय चुनाव हुए में नेतन्याहू महज तीन सीटों से बहुमत हासिल करने से चूक गए थे। देश की दो प्रमुख पार्टियों को गठबंधन सरकार बनाने के लिए पर्याप्त वोट नहीं मिले थे। नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को 36 सीटें और उसकी (लिकुड पार्टी) की अगुआई वाले राइट विंग संगठन को 58 सीटें मिली थी। बेनी गांत्ज की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी को 33 सीटें और उसकी (ब्लू एंड व्हाइट) अगुआई वाले वामपंथी गुट को 55 सीटें मिली थीं।120 सीट वाली इजराइल की संसद में बहुमत के लिए 61 सीटों की जरूरत होती है। इसके बाद भी दोनों गठबंधन सरकार बनाने के प्रयास में जुटे थे।
भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे हैं नेतन्याहू
70 साल के नेतन्याहू इजराइल के सबसे लंबे समय तक रहने वाले प्रधानमंत्री हैं। उनके खिलाफ 17 मार्च से भ्रष्टाचार का मुकदमा शुरू हो रहा है। उन पर धोखाधड़ी, रिश्वत लेने और विश्वासघात के आरोप हैं। अगर वह सरकार बनाते हैं तो इजराइल के इतिहास में वे पहले ऐसे प्रधानमंत्री होंगे, जो भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सरकार बनाने में कामयाब हुए। वहीं, 60 साल के गांत्ज ने अपना राजनितिक करियर दिसंबर 2018 में शुरू किया था। इससे पहले वह 2011-15 के बीच इजराइल की मिलिट्री के चीफ रहे थे।



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इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार बनाने की मंजूरी दी। देश की विपक्षी पार्टियां नेतान्याहू के प्रधानमंत्री बनने का विरोध कर रही हैं।


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