मिर्जा के गेटअप में लखनऊ की गलियों में घूमते थे अमिताभ बच्चन, बात करने के बावजूद पहचान नहीं पाते थे स्थानीय लोग

12 जून को अमिताभ बच्चन की फिल्म गुलाबो सिताबो अमेजन प्राइम पर रिलीज हो रही है। इसकी शूटिंग लखनऊ के हजरतगंज और उसके आसपास की संकरी गलियों में हुई है। उनके किरदार मिर्जा का गेटअप ऐसा है कि वहां लोग शूटिंग के दौरान पहचान नहीं पाए। सूत्रों ने बताया कि वो शूट के दौरान लखनवी टोन में ही बातें किया करते थे। मजेदार बात यह रही कि उस गेटअप में लखनऊ के स्थानीय लोग पहचान भी नहीं पाए कि वे अमिताभ बच्चन से बातें कर रहे हैं।
इस बारे मेंडायरेक्टर शूजित सरकार ने भी पुष्टिकी है। शूजीत सरकार ने बताया,'हम सभी चाहते थे कि हर सीन बहुत प्रामाणिक और असल लगे। इसके लिए हम लोग लखनऊ के हजरतगंज चौराहे और उसके आसपास की तंग गलियों में शूटिंग करते थे। इन लोकेशन पर शूट करना चैलेंजिंग था, क्योंकि भीड़ के जमा होने की आशंका रहती थी। ऐसे में हम लोग बहुत तैयारी के साथ वहां शूट कर रहे थे। हर सीन को को महज आधे- एक घंटे के भीतर में शूट कर लिया करते थे। बहुत कम लोग तब तक समझ पाते थे कि यहां क्या हो रहा है?

अमिताभ को पहचानना था मुश्किल

ज्यादातर लोग मिर्जा के गेट अप में मिस्टर बच्चन को नहीं पहचान पा रहे थे। मैं खुद भी यह चाहता था कि लोग अमिताभ बच्चन को न पहचान पाएं। वह मिर्जा की तरह दिखें और साउंड करें। उस मामले में हम वह चीज काफी हद तक हासिल कर सकें। शूट के बाद हर दिन बच्चन साहब उन तंग गलियों में घूमते थे। स्थानीय लोगों से बातें करते थे। उस शहर के बारे में जानने की कोशिश करते थे। यह सब कुछ बड़ी आसानी से हुआ।



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Amitabh Bachchan used to roam in the streets of Lucknow in Mirza's getup of gulabo sitabo, the locals could not recognize despite talking


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