लॉकडाउन के बाद वर्कप्लेस पर ह्यूमन्स को रिप्लेस कर सकती हैं मशीनें

वर्कप्लेस पर सोशल डिस्टेंसिंग पर फोकस करते हुए जल्दी ही विभिन्न सेक्टर्स में मानव श्रम को मशीनें रिप्लेस कर सकती हैं। एजुकेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर, ऑटोमोबाइल व अन्य जॉब्स में ये मशीनें लोगों को संभावित नुकसान से बचाते हुए काम कर सकेंगी। इंडस्ट्री सेग्मेंट के इस बदलाव के दौर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और स्किल्ड लेबर बूम करेंगे। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में इलेक्ट्रिक कारों की डिमांड लगातार बढ़ रही है।

कई बड़े बदलाव आएंगे
राजस्थान यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर (लॉ कॉलेज) के मनोज मीणा कहते हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटलाइजेशन एजुकेशन में बड़े बदलाव लाएगा। मल्टीलिंग्वल कंटेंट क्रिएशन, स्पीच टू टेक्स्ट एंड टेक्स्ट टू स्पीज टेक्नोलॉजी शॉर्ट टर्म के लिए बेहतरीन रोल प्ले करेगा।

कॉस्टिंग बढ़ने की आशंका
ह्यूमन से मशीनों के रिप्लेसमेंट पर इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर से जुड़े मनीष मित्तल का कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लागू नहीं किए जाने का मुख्य कारण रोबोट्स को डिप्लॉय करना था। इससे बड़े स्तर पर बेरोजगारी की स्थिति पैदा होने की आशंका है। वहीं एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर इसका यूज प्रॉपरली किया जाए तो इसके कई बेनिफिट्स भी हैं। हालांकि इससे कॉस्टिंग बढ़ने की आशंका भी है।

हैल्थ चैकअप करेंगे रोबोट्स
कोरोना से जूझ रहे हेल्थकेयर सर्विसेज को लेकर मशीनों के यूज के बारे में एसएमएस मेडिकल कॉलेज के सह आचार्य सुनील महावर कहते हैं हेल्थकेयर में पैरामेडिकल या डॉक्टर्स की अनुपस्थिति में रोबोट्स के यूज से हैल्थ चैकअप भी करेंगे।

सीवरेज व मेन ***** की सफाई भी
लोकल बॉडीज की ओर से कोरोना संक्रमण फैलने की स्थिति में लोगों की सुरक्षा को देखते हुए रोबोट की मदद से मेन ***** या सीवरेज साफ करना शुरु कर सकते हैं। इसके प्रयास लगातार जारी हैं। आने वाले समय में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ स्किल्ड लेबर के लिए स्कोप लगातार बढ़ता हुआ दिख रहा है। इसके साथ डिसोशल डिस्टेंसिंग के दौरान डिसेबल्ड और बुजुर्गों के लिए स्पेशल इंटेलिजेंस टूल्स का इस्तेमाल किया जाएगा।



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