अमेरिका में अपनी पत्नी की मदद से ओमी वैद्य ने की शूटिंग, बोले- ' प्रोडक्शन वालों ने मुझसे ज्यादा मेरी पत्नी को मनाया'

3 इडियट्स के चतुर, ओमी वैद्य पूरी तरह अमेरिका शिफ्ट हो चुके हैं। हालांकि भारतीय फिल्म और वेब शो के प्रति उनकी चाहत बरकरार है। हाल ही में उन्होंने विदेश से ही लॉकडाउन में भी एक वेब शो के लिए शूटिंग की है। हाल ही में भास्कर से बातचीत में उन्होंने
किस तरह हुई है "मेट्रोपार्क क्वॉरेंटाइन" की शूटिंग
इसकी कहानी आम लोगों में लॉकडाउन और कोरोनावायरस के मिथक पर है। इस कॉन्सेप्ट का आईडिया इरॉस नाउ के अधिकारियों को सबसे पहले आया। उन्होंने यह सोचा कि एक ऐसी सिचुएशन में जब एक्टर्स कुछ नहीं कर पा रहे हैं तो क्यों ना कोशिश की जाए। लॉकडाउन में रहते हुए भी कुछ काम हो सके। मेरे लिए सिचुएशन और डिफरेंट थी। मेरे पास कोई नौकर या दादा-दादी घर में नहीं थे। बस मेरी वाइफ और दो बच्चे थे। मेरी पत्नी कैमरा लेकर मुझे शूट नहीं करना चाहती थी ऐसे में इरोस वालों को मुझसे ज्यादा मेरी पत्नी को मनाना पड़ा ताकि वो कैमरा लेकर शूट करे।
क्या आपकी पत्नी को पैसे भी मिले?

जी नहीं, पैसे तो मुझे मिले। मैंने वह अपनी पत्नी को दिए। बदले में पत्नी ने ढेर सारा प्यार और आशीर्वाद दिया। मैंने फिल्म मेकिंग का कोर्स अमेरिका में किया हुआ है। सेट डिजाइनिंग, कैमरे की फ्रेमिंग, बहुत हद तक एडिटिंग भी मुझे आती थी ऐसे में मुझे बस थोड़ा सा गाइड करना पड़ता था।वेब शो में मैं एक कोरोना पेशेंट के रोल में हूं। वह खुद से अपनी 14 दिनों के क्वॉरेंटाइन पीरियड की वीडियो डायरी बनाता है। अपने कमरे को मुझे हॉस्पिटल, घर और ऑफिस जैसा भी दिखाना था। लिहाजा कॉस्टयूम चेंज से लेकर एक ही कमरे को अलग-अलग डिजाइन कर मैंने शूटिंग को अंजाम दिया। मुंबई दिल्ली और अमेरिका तीन अलग-अलग जगहों पर शूटिंग हो रही थी।

आपके हिस्से की शूटिंग कितने दिनों में हो गई?
2 दिनों में मेरे हिस्से की शूटिंग हो गई। मेरे ढेर सारे कॉस्टयूम चेंज रहे। हमने नेचुरल लाइट में ही सब कुछ शूट किया। अभी ऑडियंस थोड़ी बहुत टेक्निकल चीजों में कम क्वालिटी के लिए भी तैयार है। कहानी अच्छी होनी चाहिए तो उन्हें लाइटिंग या कैमरा के फ्रेम से ज्यादा दिक्कत नहीं है। वे उस कॉन्टेंट को भी कंज्यूम कर रहे हैं।
अमेरिका में इसी तरह हो रही है शूटिंग?

जी हां। यहां बड़े-बड़े कलाकार वेबकैम का इस्तेमाल करके शूटिंग कर रहे हैं। लोग अभी वैसा कॉन्टेंट चाह रहे हैं, जो उनकी जिंदगी से रिलेट कर रहा हो। इसलिए बहुत एचडी क्वालिटी वाले कैमरा और स्पेशल इफेक्ट में ही उन्हें चीजें नहीं चाहिए। मिसाल के तौर पर मेरी फिल्म में कोरोना, लॉकडाउन और क्वॉरेंटाइन के कन्फ्यूजन और मिथक की बातचीत है। उससे लोग रिलेट करेंगे और ध्यान भी देंगे।
अमेरिका में भी खुदको कास्ट करते हैं कास्टिंग डायरेक्टर?

बिल्कुल नहीं। बहुत दुर्लभ मौकों पर ऐसा होता है। वहां के कास्टिंग डायरेक्टर्स तो ऐसा सोचना तक गुनाह मानते हैं। कई ऐसे कास्टिंग डायरेक्टर हैं, जिनके तो नाम भी लोगों को पता नहीं चल पाते हैं। कास्टिंग डायरेक्शन के प्रोफेशन को इतना गुप्त रखा जाता है। वे टेक्निकल डिपार्टमेंट के सिनेमेटोग्राफर, एक्शन डायरेक्टर के तौर पर छिपकर रहते हैं।
आप अपने इंडिया के फैंस को क्यों तरसा रहे हैं?

ऐसा नहीं है। मैं यहां काम, अच्छा सीरियल करना चाहता हूं। मैं चतुर के रोल में टाइप कास्ट नहीं होना चाहता था। मैं शूटिंग के लिए चार्टर्ड प्लेन से कहीं जा रहा था। उस दिन मेरा जन्मदिन था, फ्लाइट अटेंडेंट ने आकर मुझे विश किया और केक काटा था। तब मुझे एहसास हुआ कि यह जिंदगी मुझे किस लिए चाहिए।मैं ऐसे मौकों पर अपने लोगों के साथ घिरा होना चाहता हूं। काम के सिलसिले में मुझे बार-बार अमेरिका से मुंबई अपनी फैमिली से दूर आना पड़ता था। मेरी बीवी और बच्चे अमेरिका में सेटल थे। ऐसे में मैंने मुंबई को छोड़कर अमेरिका को ही अपनी कर्मभूमि बना ली।

हिरानी, आमिर खान के संपर्क में रहते हैं?

राजकुमार हीरानी और अभिजात जोशी तो अमेरिका आते रहते हैं। अभिजात जोशी तो वर्जिनियां में रहते भी रहे हैं। उन लोगों से कभी कभी बातचीत हो जाती है। मैं इसलिए उन सबके संपर्क में नहीं रहता कि वह मुझे अगली फिल्म में कास्ट करें, मैं उस तरह का इंसान नहीं हूं। संपर्क बनाने के पीछे मेरा कोई उद्देश्य नहीं रहता है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Omi Vaidya shooting at home with the help of his wife in America, said- 'My wife was celebrated more than me'


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3d2UxCU

Post a Comment

0 Comments