लॉकडाउन की वजह से पहली बार ओलिंपियन आज डिटिजल प्लेटफॉर्म पर सबसे बड़ा लाइव वर्कआउट करेंगे, सिंधु समेत 21 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे 

हर साल 23 जून को ओलिंपिक डे मनाया जाता है। इस बार भी दुनियाभर के खिलाड़ी इसके लिए एक मंच पर आएंगे,लेकिन वोप्लेटफॉर्म डिजिटिल होगा। लॉकडाउन की वजह से पहली बार ओलिंपियन मैदान में नहीं बल्कि, अपने-अपने घरों में दुनिया का सबसे बड़ा लाइव वर्कआउट करेंगे, जो 24 घंटे चलेगा। इसमें पीवी सिंधु समेत 21 ओलिंपियन शामिल होंगे। इन सभी का वर्कआउट ओलिंपिक केइंस्टाग्राम पेज पर लाइव दिखाया जाएगा।

सिंधु के अलावा रेसलर विनेश फोगाट भी ओलिंपिक डे इवेंट का हिस्सा हैं। हालांकि, उनके वर्कआउट का वीडियो पहले ही रिकॉर्ड कर लिया गया है, जो आज लाइव दिखाया जाएगा। विनेश के अलावा 22 और ओलिंपियन के रिकॉर्डेड वीडियो दिखाए जाएंगे।

विनेश फोगाट कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर हैं।

सिंधु सुबह 11 बजे आईओसी के इंस्टाग्राम पेज पर लाइव होंगी

कोरोना की वजह से सिंधु ओलिंपिक डे के इवेंट में हैदराबाद स्थित अपने घर से ही जुड़ेंगी।इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (आईओसी) के मुताबिक, 24 घंटे चलने वाले इस डिजिटल वर्कआउट में सिर्फ ओलिंपियन ही नहीं, बल्कि दूसरे एथलीट और फैन्स भी शामिल होंगे।

पीवी सिंधु वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय हैं। उन्होंने 2019 में यह उपलब्धि हासिल की थी

लॉकडाउन में 5 हजारखिलाड़ियों ने वर्कआउट को किया साझा
आईओसी ने बताया कि कोविड-19 महामारी की वजह से पिछले कुछ महीनों से पूरी दुनिया लॉकडाउन है। इसी वजह से टोक्यो गेम्स भी टालने पड़ गए। इस दौरान लोगों को स्वस्थ और फिट रखने के इरादे से आईओसी ने स्टे स्ट्रॉन्ग मुहिम चलाई थी। इसमें 5 हजार ओलिंपियन शामिल थे। इन खिलाड़ियों ने 50 देशों के करीब 24.3 करोड़ लोगों के साथ रोजाना अपने वर्कआउट का वीडियो शेयर किया, ताकि लोग लॉकडाउन में भी खुद को फिट रख सकें।

इस बार का ओलिंपिक डे खास होगा: आईओसी
आईओसी प्रेसिडेंट थॉमस बाक ने कहा कि इस बार का ओलिंपिक डे का कार्यक्रम अलग है, क्योंकि लंबे वक्त बाद गेम्स टालने पड़े। ऐसे में हमें इस मौके का इस्तेमाल ओलिंपिक की तैयारी के लिए एकजुटता दिखाने में करना चाहिए।

ओलिंपिक डे क्या होता है?
हर साल 23 जून को दुनियाभर में ओलिंपिक डे मनाया जाता है। इस दिन हर उम्र के लिए लोग स्पोर्ट्स के अलावा कल्चरल एक्टिविटीजमें हिस्सा लेते हैं। बीते 2 दशक में इस इवेंट की मदद से ओलिंपिक के सिद्धांतोंको दुनियाभर में पहुंचाने में मदद मिली है।

ओलिंपिक डे की शुरुआत 23 जून 1948 को हुई थी। तब 9 देशों ने इसमें हिस्सा लिया था।

खेलों में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए ओलिंपिक डे मनाया जाता है

1896 में मॉर्डन ओलिंपिक गेम्स की शुरुआत हुई थी। इसकी याद में 23 जून 1948 में पहली बार ओलिंपिक डे मनाया गया। तब सिर्फ 9 देश ही शामिल हुए थे। इसमें ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, कनाडा, ग्रीस, पुर्तगाल, स्विटजरलैंड, उरुग्वे और वेनेजुएला हैं।इसका मकसद खेलों में हर वर्ग, उम्र के लोगों की भागदारी बढ़ाना है।

इस दिन पूरी दुनिया में मैराथन का आयोजन होता है। 1987 में पहली बार इस तरह के इवेंट की शुरुआत हुई थी। तब 45 देशों ने इसमें हिस्सा लिया था, लेकिन आज 205 देश इसमें भागीदारी करते हैं। कई देशों ने तो इसे अपने यहां स्कूलों में सिलेबस का हिस्सा बनाया है।

1896 में पहले ओलिंपिक गेम्स हुए थे

1896 में एथेंस में पहले समर ओलिंपिक गेम्स हुए थे, जबकि पहले विंटर गेम्स 1924 में फ्रांस में हुए थे। 1992 तक समर और विंटर दोनों ओलिंपिक गेम्सएक ही साल में होते थे। इसके बाद से इसे अलग-अलग कराया जाने लगा।

ओलंपिक दुनिया की सबसे बड़ा स्पोर्ट्स इवेंट और इसमें 200 से ज्यादा देश हिस्सा लेते हैं। इस वक्त दुनिया की 205 राष्ट्रीय ओलिंपिक समितियां इसकी सदस्य हैं। आइओसी हर चार साल में समर, विंटर और यूथ ओलंपिक गेम्स कराता है।



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