पूर्व स्पिनर कनेरिया ने कहा- पीसीबी के भेदभाव के बावजूद भारत की नागरिकता नहीं चाहता

ऋषिकेश कुमार. पाकिस्तान के सबसे सफल टेस्ट स्पिनर दानिश कनेरिया ने सिर्फ 18 वनडे खेले हैं। उन्हें टी-20 खेलने का मौका भी नहीं मिला। उन्होंने चयनकर्ताओं और पूर्व कप्तानों पर निशाना साधा है। कनेरिया का कहना है, ‘सभी की अपनी लॉबी थी। मैं उसमें फिट नहीं होता था। इंग्लैंड की टी-20 लीग के प्रदर्शन को चयनकर्ता तवज्जो नहीं देते थे।’

उन्होंने शाहिद आफरीदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि आफरीदी लेग स्पिनर थे। वे दूसरे लेग स्पिनरों को घरेलू मैच में खेलने का मौका नहीं देते थे।

पाकिस्तानी मीडिया ने भी पीसीबी का साथ दिया: कनेरिया

फिक्सिंग के कारण कनेरिया पर इंग्लैंड में क्रिकेट खेलने पर बैन लगा था। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने भी आजीवन बैन लगा दिया। उन्होंने पाकिस्तानी मीडिया पर पीसीबी का साथ देने का आरोप लगाया।

'भारत में कोचिंग देना चाहता हूं'

39 वर्षीय कनेरिया ने कहा, ‘मैं अभी भी खेलने को तैयार हूं। साथ ही कोचिंग और कमेंट्री भी करना चाहता हूं। मैं भारत, बांग्लादेश में कोचिंग देना चाहता हूं।’
पाक के लोग अच्छे, सिर्फ बोर्ड से ही परेशानी है
सीएए कानून के तहत दानिश कनेरिया भारत की नागरिकता नहीं लेना चाहते। उनका कहना है कि ये उन अल्पसंख्यक लोगों के लिए है, जिन्हें परेशानी है। पाकिस्तान के लोग काफी अच्छे हैं। वहां उनके काफी फैंस हैं और इज्जत भी देते हैं। उनकी लड़ाई सिर्फ पीसीबी से है। बोर्ड सभी का सपोर्ट करती है लेकिन उनके साथ भेदभाव कर रही है।

पिछले साल शोएब अख्तर ने इसका खुलासा किया था। कनेरिया का कहना है कि करिअर के दौरान वे या अख्तर इसका खुलासा करते तो टीम से बाहर किया जा सकता था।



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39 साल के दानिश कनेरिया ने कहा- मैं अभी भी खेलने को तैयार हूं। साथ ही कोचिंग और कमेंट्री भी करना चाहता हूं। - फाइल


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