हाल ही में दो कास्टिंग डायरेक्टर्स मुकेश छाबड़ा और हनी त्रेहान ने फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखा है। अब मशहूर कोरियोग्राफर जोड़ी बॉस्को-सीजर के बॉस्को लेस्ली मार्टिस भी अपना डायरेक्टोरियल डेब्यू करने जा रहे हैं। उनकी फिल्म का टाइटल 'रॉकेट गैंग' होगा। फिल्म की अनाउंसमेंट के मौके पर उन्होंने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की।
बॉस्को ने बताया कि उनकी ये फिल्म डांस-हॉरर-कॉमेडी जॉनर की फिल्म होगी। उनके मुताबिक यह भारत की पहली ऐसी फिल्म होगी, जिसे ‘रियल टाइम वर्चुअल रिएलिटी’ फॉर्मेट में शूट किया जाएगा। इस तकनीक पर हॉलीवुड में ‘द जंगल बुक’, ‘द मैंडेलॉरियन’ और ‘द लॉयन किंग’ की लाइव रीमेक फिल्में शूट हो चुकी हैं।
सवाल- कोरियोग्राफर और कास्टिंग डायरेक्टर्स भी डायरेक्शन में आ रहे हैं। क्या माजरा है?
बॉस्को- 'यह एक स्वभाविक क्रमानुसार तरक्की वाला सफर रहा। हम सब भी क्रिएटिव लोग हैं। पहले गानों की लेंथ साढ़े पांच से छह मिनट हुआ करती थी, लेकिन अब साढ़े तीन से चार मिनट ही होती है। ऐसे में क्रिएटिविटी दिखाने की हमारी रचनात्मक भूख बाकी रह जाती है। तो वो डायरेक्शन में आकर पूरी होती है। यहां दो से ढाई घंटे मिलेंगे अपनी रचनात्मकता दिखाने के लिए।'
सवाल- ये 'रियल टाइम वर्चुअल रिएलिटी' तकनीक क्या है?
बॉस्को- 'इस तकनीक में आप शूट के दौरान ही सीन में स्पेशल इफेक्ट्स जनरेट कर सकते हैं। वरना अब तक यह होता था कि आप पहले पूरी फिल्म शूट करो, उसके बाद पोस्ट प्रोडक्शन की स्टेज में स्टूडियो में जाओ। वहां वीएफएक्स की मदद से सीन में स्पेशल इफेक्ट्स डाले जाते थे।'
उन्होंने बताया 'इस तकनीक की मदद से रियल टाइम’ यानी शूट के वक्त ही समानांतर तौर पर एक डायरेक्टर अपने मॉनिटर में किरदारों के इर्द गिर्द अपनी मनचाही दुनिया क्रिएट कर सकता है।'
सवाल- यह तकनीक किसने डेवलप की है?
बॉस्को- इसे जी स्टूडियो ने साथ मिलकर 'कस्टम डेवलप' किया है। आइडिया शारिक पटेल का था। इससे फिल्म के पोस्ट प्रोडक्शन का काम तो कम होगा ही, साथ ही सेट पर भी शूट के दौरान कम मैन पॉवर से काम हो जाएगा। इन सब पर लॉकडाउन में काफी चर्चा हुई है।'
सवाल- फिल्म में मैन लीड आदित्य सील और कबीर सिंह वाली निकिता दत्ता हैं। पांच बच्चे भी हैं। रेमो और फराह जैसे कोरियोग्राफर तो बड़े स्टार कास्ट करते हैं?
बॉस्को- 'मुझे ऐसे एक्टर्स चाहिए थे, जो अच्छे और बढ़िया डांसर भी हों। यह तकनीकी तौर पर ‘हाई एंड कॉन्सेप्ट’ वाली फिल्म है। ऐसी फिल्मों में स्टार कास्ट में नवोदित चेहरे होते हैं। यहां कहानी बड़ी होती है। साथ ही बड़े स्टार्स के आते ही फिल्म का बैगेज भी बड़ा हो जाता है। मैं प्रेशर में नहीं आना चाहता था। अगर फिल्म का कुछ भी होता है तो मैं पूरी जिम्मेदारी ले सकता हूं कि यह हिट या फ्लॉप जो भी हो।'
सवाल -इसमें आपने हॉरर का एलिमेंट भी जोड़ा है। डांस तो है ही। इसका आइडिया कैसे आया?
बॉस्को- यह कहानी दरअसल उन अधूरे ख्वाबों की है, जो कुछ किरदारों के पूरे नहीं हो पाते। मरने के बाद क्या वे पूरे हो पाते हैं, यह उस बारे में है। साथ ही यह टिपिकल हॉरर वाली कहानी नहीं है। डरावनी नहीं है यह। यह कुछ-कुछ ‘भूतनाथ’ के जोन वाली फिल्म है, ताकि बच्चे भी इस हॉरर का मजा ले सकें। इसका टाइटल 'रॉकेट गैंग' क्यों रखा गया है, वो इसे देखने पर पता लगेगा। लॉकडाउन पूरी तरह खत्म होने पर हम शूट पर जाएंगे।
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