केन्द्र सरकार ने नई शिक्षा नीति में M.Phil कोर्स को खत्म कर दिया है लेकिन राजस्थान विश्वविद्यालय में चल रहा वर्तमान सत्र पूरा होगा। इस सत्र में M.Phil की परीक्षा लेकर डिग्री दी जाएगी।
भविष्य में कोर्स को लेकर अभी तक यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कुछ तय नहीं किया है। यूनिवर्सिटी में पिछले साल ही 20 से अधिक सीटों पर M.Phil पर एडमिशन दिए थे। कोरोना के चलते यह सत्र पूरा नहीं हुआ है।
Ph.D. की सीटें बढ़ना मुश्किल
M.Phil कोर्स भले ही खत्म हो जाए, लेकिन इसके बाद भी Ph.D. की सीटें बढ़ना मुश्किल है। कारण, एक शिक्षक के अधीन कितने शोधार्थी पीएचडी कर सकते हैं, यह भी यूजीसी ने निर्धारित कर रखा है। ऐसे में पीएचडी की सीटें पहले जितनी ही रहेंगी। M.Phil की सीटें घट जाएंगी।
M.Phil करने पर Ph.D. में कोर्स वर्क करना जरूरी नहीं
विश्वविद्यालय में अभी करीब 25 से अधिक विभागों में M.Phil कोर्स संचालित किया जा रहा है। M.Phil एक वर्ष का कोर्स है, इसमें रिसर्च की एडवांस पढ़ाई करवाई जाती है। M.Phil करने वाले छात्र-छात्राओं को पहले Ph.D. में सीधे प्रवेश दिया जाता था। अब इसमें परिवर्तन कर दिया गया है।
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