बॉलीवुड में नेपोटिज्म और इनसाइडर-आउटसाइडर को लेकर जंग छिड़ी है। लेकिन इस बारे में सोचते ही रहेंगे तो कुछ कर नहीं पाएंगे। मेहनत सभी को करनी पड़ती है। अगर किसी को अपने की वजह से काम भी मिलता है, तो वह एक-दो फिल्म ही कर सकता है। इसके बाद अच्छा काम करते रहेंगे तो ही इंडस्ट्री में टिके रहेंगे। अगर आप लगन से काम करेंगे तो आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है। यह बात पत्रिका एंटरटेनमेंट से खास बातचीत के दौरान अभिनेत्री छाया कदम ने कहीं। अभिनेत्री मशहूर टीवी सीरियल मेरे सांई में एक विधवा का किरदार निभा रही है। जो बहुत दुखी है और उसे पारिवारिक समस्या भी घेरे रहती है। इस महिला को सांई बाबा नई दिशा दिखाते हैं। जिससे उनके दुख दूर होते हैं। छाया का यह शो 24 सितंबर से शुरू हो सकता है। पिछले करीब 3 साल से चल रहे इस शो में वह एक कहानी में काम कर रही है जिसके टीवी पर कई एपिसोड प्रसारित होंगे। उन्होंने बताया कि वह मराठी के साथ कई हिंदी फिल्म और टीवी सीरियलों में काम कर चुकी है। जिनमें से कई को नेशनल अवॉर्ड भी मिले हैं ।उनकी आने वाली फिल्म झुंड और गंगूबाई काठियावाड़ी है। छाया ने बताया मैं धार्मिक सीरियल में पहली बार काम कर रही हूं। जब हम ऐसे सब्जेक्ट पर काम करते हैं तो हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। क्योंकि इससे लोगों की आस्था भी जुड़ी होती है। मेरे लिए यह गर्व की बात है कि मैं इस सीरियल में काम कर रही हूं। क्योंकि मेरे पिताजी भी सांई बाबा के बहुत बड़े भक्त थे। अगर आज वह होते तो बहुत खुश होते। मैं हमेशा अलग किरदार पर काम करने पर ध्यान देती हूं। मैंने इस किरदार को अपने पिता की खुशी के लिए किया है। मेरा जन्म मुंबई में ही हुआ है और मैंने पढ़ाई के दौरान स्टेट लेवल कबड्डी भी खेली है। मैंने टैक्सटाइल डिजाइन भी किया है। मैं साउथ में भी शुरुआत करने वाली थी लेकिन लॉक डाउन की वजह से नहीं कर पाई। मेरे लिए काम महत्व रखता है फिर भले ही व टीवी सीरियल हो, फिल्म हो, शॉर्ट फिल्म और वेब सीरीज ।मुझे सभी में काम करना अच्छा लगता है। लॉक डाउन खत्म होने के बाद मैं इस शो के साथ ही शूटिंग की शुरुआत कर रही हूं। कोरोना वायरस के चलते सेट पर सभी सावधानियां बरती जा रही है। सभी टीम के सदस्य भी नियमों का पालन कर रहे हैं। किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हो रही है। जब शूटिंग के दौरान अधिक लोग सेट पर होते हैं। तो उस दौरान सेनीटाइज आदि का और अधिक ध्यान दिया जाता है। मुझे इस प्रोजेक्ट में काम करने पर एक परिवार के सदस्य की तरह महसूस हो रहा है। इंडस्ट्री बहुत अच्छी है मेरा अनुभव है मुझे सब अच्छे लोग मिले हैं। जब भी कोई दिक्कत आती है तो इंडस्ट्री के लोगों की याद आती है। क्योंकि अच्छे बुरे लोग तो फैमिली में भी होते हैं लेकिन हम परिवार के साथ ही रहते हैं। September 21, 2020 at 06:35AM BollyWood News, Patrika : India's Leading Hindi News Portal
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