ऋचा का ऊंचा कद देखकर कोच ने गेंदबाजी की सलाह दी थी, अब बतौर ऑलराउंडर भारतीय टीम में चुनी गईं

नई दिल्ली. बंगाल की 16 साल की ऋचा घोष को फरवरी में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम में चुना गया है। अपने सिलेक्शन से खुशा ऋचा ने बताया कि उन्होंने अपना करियर बतौर विकेटकीपर बल्लेबाजशुरू किया था। लेकिन जब बंगाल से खेलना शुरू किया तो कोच ने उनके ऊंचे कद को देखते हुए गेंदबाजी करवाई। यहीं से उनके करियर ने करवट ली और वे टीम में बतौर ऑलराउंडर शामिल हुईं।

वे 12 साल की उम्र मेंबंगाल की ओर से अंडर-17, अंडर-19 और सीनियर टीम में खेलीं। हालांकि, पहले साल बतौर बल्लेबाज टीम में शामिल की गईं थी। लेकिन बाद में बतौर ऑलराउंडर उनका इस्तेमाल होने लगा। विश्व-कप टीम में भी उन्हें इसी खूबी के कारण चुना गया है। इस पर उन्होंने कहा, वर्ल्ड कप से अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज करना उनके लिए गौरव की बात है।

ऋचा नहीं दे पाएंगी दसवीं बोर्ड की परीक्षा

ऋचा ने बताया कि वह दसवीं की छात्र हैं। फरवरी में बोर्ड परीक्षा भी है। लेकिन विश्व कप के लिए भारतीय टीम में चुने जाने के बाद उन्होंने परीक्षा की बजाए देश के लिए खेलने का फैसला किया है।

पापा से प्रभावित होकर क्रिकेट खेलना शुरू किया

इस ऑलराउंडर ने बताया कि उन्होंने पिता से प्रभावित होकर ही क्रिकेट खेलना शुरू किया था। जब वह तीन साल की थीं, तो पिता मानवेंद्र घोष सिलीगुड़ी में ही बग्गा ज्योति एथलेटिक्स क्लब में क्रिकेट खेलने जाते थे। वह भी उनके साथ जाती थीं, वहां अन्य बच्चों को खेलते देख उन्होंने भी क्रिकेट सीखने की जिद की। जब वह पांच साल की हुईं तो पिता ने कोच बरून बनर्जी और गोपाल साह के पास भेजना शुरू किया। वह क्लब के लिए बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग करती थीं।

ऋचा को ऊंचे कद का गेंदबाजी में फायदा मिलेगा

कोच गोपाल साह बताते हैं किपांच साल की उम्र से ही वे नेट्स पर आ रही है। वह बल्लेबाजी के साथ विकेटकीपिंग भी करती थीं। लेकिन जब बंगाल से खेलना शुरू किया, तो टीम के कोच ने ऊंदे कद को देखते हुए गेंदबाजी की सलाह दी। अभी वह 16 साल की है और कद 5 फीट 10 इंच के करीब है। ऐसे में उन्हें ऊंचे कद का गेंदबाजी में फायदा मिलेगा।

पिता ने कहा- अब बेटी देश के लिए खेलने का सपना पूरा करेगी

पिता मानवेंद्र घोष बताते हैं कि ऋचा बचपन में उनके साथ क्लब जाती थीं। उनका छोटा सा बिजनेस है। लेकिन वह खुद क्लब क्रिकेट खेलते थे। हालांकि, वह आगे नहीं जा सके। अब देश के लिए खेलने का सपना उनकी बेटी पूरा करेगी। वह बताते हैं कि जब बेटी ने क्रिकेट खेलने की जिद की तो उन्हें लगा कि लड़कियों का क्रिकेट में क्या भविष्य है। हालांकि, बेटी की जिद के आगे परिवार झुक गया और उसे क्लब भेजने का फैसला किया। पहले जिला और फिर स्टेट टीम के लिए सिलेक्शन हुआ। अब वह यही चाहते हैं कि बेटी भारतीय टीम से खेलते हुए टी-20 वर्ल्ड कप जीते और देश का नाम रोशन करे।



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Due to Richa's high stature, the Bengal coach advised bowling, changed her career from here and was selected as an all-rounder in the Indian team


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