भारतीय वैज्ञानिक ने सैमसंग में रोबोट बनाया, नाम रखा नियॉन; यह हिंदी-अंग्रेजी में बात करता है

लास वेगास/अहमदाबाद.दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स शो सीईएस-2020 मंगलवार से लास वेगास में शुरू हुआ। शो के पहले दिन सैमसंग ने ‘आर्टिफिशयल ह्यूमन’ पेश किया। यह दिखने में इंसानों जैसा है। कंपनी का दावा है कि यह असल लोगों की तरह बात करने और सहानुभूति जताने में भी सक्षम है। इस टेक्नोलॉजी के पीछे गुजरात के इंजीनियर प्रणव मिस्त्री का योगदान है। वे इसे बनाने वाली कंपनी स्टार लैब के सीईओ हैं।

‘आर्टिफिशियल ह्यूमन' नियॉन के बारे में सैमसंग की सहायक कंपनी स्टार लैब के सीईओ प्रणव मिस्त्री का कहना है कि ऑर्टिफिशियल ह्यूमन मतलब एक तरह से तकनीक का मनुष्य अवतार है। इस तकनीक की मदद से ऐसे डिजिटल बीइंग्स को तैयार किया जा सकेगा, जो डिस्प्ले या वीडियो गेम्स में नजर आ सकेंगे या जिन्हें टीवी एंकर, प्रवक्ता या फिल्म कलाकार के जैसे भी डिजाइन किया जा सकेगा।

कोर आर 3 टेक्नोलॉजी पर आधारित

रोबोटएआई संचालित डिजिटल अवतार एआई असिस्टेंट नहीं हैं, न ही ये इंटरनेट के लिए कोई इंटरफेस हैं या म्यूजिक प्लेयर हैं। यह सिर्फ एक दोस्त हैं। यह एआई पॉवर्ड आर्टिफिशियल ह्यूमन अपने आप नई भाव-भंगिमाएं, नए मूवमेंट, नए डायलॉग (हिंदी में भी) बना सकता है। नियॉन विशेष रूप से तैयार की गई कोर आर 3 टेक्नोलॉजी पर आधारित है। इसका मतलब रिलायबिलिटी, रियल टाइम और रिस्पांस है। इस तकनीक के दम पर नियॉन पलभर में ही रिएक्ट करने में समर्थ है। नियॉन लक्ष्यात्मक कामकाज में सहायक होगी- जहां व्यक्तियों की दरकार होती है। ये बतौर शिक्षक काम कर सकती है। वित्तीय सलाहकार भी हो सकती हैं।

कार पर लिखवाया अपने शहर का नाम-पालनपुर

प्रणव मूल गुजरात के पालनपुर के रहने वाले हैं। वे पिछले दो सालों से नियॉन की एआई तकनीक पर काम कर हैं। उन्होंने अपनी एस्टोन मार्टिन कार पर पालनपुर लिखवाया है। वे कहते हैं कि ये मेरी एक अलग पहचान बनाते हैं।



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नियॉन विशेष रूप से तैयार की गई कोर आर 3 टेक्नोलॉजी पर आधारित है। (लाल ड्रेस में आर्टिफिशियल ह्यूमन)


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