ड्रीम गर्ल के डायरेक्टर राज शांडिल्य ने लांघी मर्यादा, स्वरा भास्कर को कहा सस्ती बिकने वाली हीरोइन

मुंबई (अमित कर्ण).सीएए, एनआरसी और जेएनयू के मसले पर विचारधारा की लड़ाई बॉलीवुड में भी जमकर दिख रही है, पर इस विचारधारा की लड़ाई में एक बाॅलीवुड डायरेक्टर राज शांडिल्य ने मर्यादा की हद लांघ दी। उन्होंने फेसबुक पर बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर को बिकने वाली सस्ती चीज कहकर संबोधित किया और दैनिक भास्कर समाचार पत्र का भी इस घटिया तुलना में जबरन उल्लेख कर दिया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि-‘सस्ती चीजों पर ध्यान न दें, स्वरा भास्कर से महंगा तो दैनिक भास्कर बिकता है।’


जब दैनिक भास्कर ने राज शांडिल्य के इस अमर्यादित बयान पर आपत्ति जताई तो उनको पहले तो स्वरा भास्कर से और फिर बाद में दैनिक भास्कर से अपने ट्विटर हैंडल पर सार्वजनिक माफी मांगने पर विवश होना पड़ा। स्वरा ने उनके इस सतही बयान पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई और उनकी इस पोस्ट का स्क्रीन शॉट लेकर ट्विटर पर ट्वीट कर दिया था।

राज शांडिल्य से सीधी बात:एक महिला को सस्ती चीज कहना, ये कैसी भाषा है?

सवाल: विरोधी विचारधारा वाले पर ऐसी छींटाकशी करना कहां तक उचित है?
जवाब:
‘इस तरह तो कतई नहीं होना चाहिए। स्वरा के लिए वह बस मेरा पॉइंट ऑफ व्यू था।’


सवाल: एक अभिनेत्री को बिकने वाली और सस्ती चीज कहना और ऊपर से देश के सबसे प्रतिष्ठित अखबार का नाम बीच में लाना ये आपकी कैसी भाषा है?
जवाब:
मैंने किसी के कैरेक्टर पर सवाल नहीं उठाए। मैंने सोच पर चोट कही। मैं उनकी मानसिक सोच जाहिर कर रहा था। ‘मेरी बात यदि स्वरा को ठीक नहीं लगी तो उनसे दिल से माफ़ी मांगता हूं।’ उनको मैं पहले से जानता हूं। मैं उन्हें ड्रीम गर्ल में निधि बिष्ट वाले रोल में लेने वाला था। स्वरा बड़ी अच्छी एक्ट्रेस हैं। मेरा हर्ट करने का कतई इरादा नहीं था।


सवाल: आप फिल्म डायरेक्टर हैं। इस हल्की भाषा में अपनी बात नहीं रख सकते हैं?
जवाब:
अगर मेरे फॉलोवर हैं तो ढेरों बार अच्छी बातें भी बोलता रहा हूं। हिंदू-मुस्लिम भाई-भाई भी बोलता रहा हूं। उसे फॉलोवर्स क्यों नहीं फॉलो करते। मैंने कोई नेगेटिव बात नहीं की।


सवाल: लॉ के ग्राउंड पर भी जाएं तो आपके बयान को आपत्तिजनक माना जाएगा?
जवाब:
मैंने इसलिए ट्विटर पर तो कुछ बोला ही नहीं था, मैंने फेसबुक पर बात रखी थी। ट्विटर से लेना देना नहीं है।


सवाल: दैनिक भास्कर प्रतिष्ठित अखबार है। उनका नाम इस तरह से आना कतई जायज नहीं है?
जवाब:
मैं इसके लिए भास्कर मैनेजमेंट को लेटर लिखकर माफी मांगूंगा। माफी मांगने में कोई बुराई है।


सवाल: बिकना डेरोगेटरी शब्द है। आपने एक महिला की बुराई की है। वह कतई टॉलरेट नहीं कर सकता कोई?
जवाब:
इसके लिए मैं सोशल मीडिया पर अभी पोस्ट करके खुले तौर पर दैनिक भास्कर व स्वरा से माफी मांगता हूं।


सवाल:आप इकरार करते हैं कि गलती हुई है आपसे?
जवाब:
हां, मैं मान लेता हूं। देखिए मैंने क्या लिखा, उसका जिम्मेदार मैं खुद को मानता हूं। सामने वाले ने क्या समझा उस बारे में क्या कहूं? बहरहाल, मुझे कोई इश्यू नहीं है।

सवाल: इस बातचीत में स्वीकारोक्ति है आपकी?
जवाब:
आप मुझे तो काफी समय से जानते हैं। महिला विरोधी नहीं हूं मैं। मेरी फिल्म में ही डायलॉग है कि औरत मर्दों से आगे रही हैं। चाहे सीता हो या द्रौपदी। वहां तो मैंने एप्रीशिएट ही किया है।

सवाल: डायलॉग आपने भले अच्छे लिखे हों, पर मंगलवार वाला आप का बयान कतई सही लाइट में नहीं था?
जवाब:
हिंदुस्तान में अच्छी चीजों पर रिफ्लेक्ट होता है। देखिए जेएनयू में बहुत कुछ हुआ। गलत हुआ। पर बिना जांच के स्वरा किसी को कसूरवार ठहरा रहीं थीं। वह मुझे औचित्यपूर्ण नहीं लग रहा था। मेरे भी पाँइट ऑफ व्यू दो थे। हां, पर लिखे हुए से फर्क जरूर रहा।



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Controversy between Raj Shandilya and Swara Bhaskar


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