वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प 24 फरवरी को दो दिन के भारत दौरे पर आ रहे हैं। इसके पहले एक अमेरिकी अधिकारी ने भारत और पाकिस्तान के सामान्य संबधों पर जोर दिया। उनके मुताबिक, दोनों देशों के बीच बातचीत होनी चाहिए, लेकिन अमेरिका जानता है कि यह तभी संभव हो पाएगा, जब पाकिस्तान आतंकियों पर सख्त और निर्णायक कार्रवाई करे। दूसरी तरफ, यह भी खबर है कि भारत और अमेरिका अभी ट्रेड डील पर अंतिम फैसला नहीं कर पाए हैं। वहीं, ट्रम्प प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे पर भी बातचीत कर सकते हैं।
भारत-पाकिस्तान बातचीत से मुद्दे सुलझाएं
ट्रम्प के भारत दौरे से पहले एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा, “अमेरिका चाहता है कि भारत और पाकिस्तान कश्मीर सहित बाकी मुद्दों को बातचीत से सुलझाएं। हालांकि, यह तभी मुमकिन है, जब पाकिस्तान आतंकियों पर सख्त और निर्णायक कार्रवाई करे। दोनों देशों की कोई भी वार्ता इस कार्रवाई के बिना सफल नहीं हो सकती। राष्ट्रपति इस बात पर भी जोर देंगे कि एलओसी पर शांति रहे और दोनों देश भड़काऊबयानबाजी और कार्रवाई से बचें। ट्रम्प ने भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया था, लेकिन हम जानते हैं कि भारत इसके लिए कभी तैयार नहीं होगा।”
ट्रेड डील पर फैसला नहीं
न्यूज एजेंसीके मुताबिक, भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर अब तक अंतिम फैसला नहीं हुआ है। इस बात की संभावना कम है कि ट्रम्प के भारत दौरे पर इससे संबंधित कोई समझौता या घोषणा हो। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा, “भारत कुछ सेक्टर्स में विदेशी कंपनियों को प्रवेश देने के मामले में हिचकिचा रहा है। हम भारतीय अधिकारियों से डील को लेकर लगातार बातचीत कर रहे हैं। अमेरिका भी चाहता है कि दोनों देशों में कोई भी व्यापारिक समझौता हो तो संतुलन का खास ध्यान रखा जाए। उनकी कुछ चिंताएं हैं। हम बातचीत कर रहे हैं। उम्मीद है उनकी शंकाएं जल्द दूर कर पाएंगे।” खास बात ये है कि ट्रेड डील पर बातचीत करने वाले अमेरिकी अधिकारी रॉबर्ट लाइथजर ट्रम्प के साथ दौरे पर नहीं आएंगे।
मेक इन इंडिया पर भारत सख्त
इस अधिकार ने कहा, “मेक इन इंडिया को लेकर मोदी सरकार ज्यादा सतर्क है। इसकी वजह से ट्रेड डील में दिक्कत आ रही है। अमेरिका को लगता है कि भारत सरकार मेक इन इंडिया को लेकर ज्यादा सख्त रुख अपना रही है। डील पर दोनों देशों के अधिकारी करीब 18 दौर की बातचीत कर चुके हैं लेकिन फैसला नहीं हो पाया। मेक इन इंडिया की सुरक्षा पर भारत ने हाल ही में कई घोषणाएं की हैं। इनकी वजह से अमेरिकी सरकार की चिंताएं कम होने के बजाए बढ़ गई हैं। इसके बावजूद हमें भरोसा है कि जल्द ही कोई अच्छी खबर मिलेगी।”
धार्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा उठा सकते हैं ट्रम्प
एक अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक, ट्रम्प और मोदी की बातचीत में अमेरिकी राष्ट्रपति भारत में धार्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा भी उठा सकते हैं। इस अफसर से पूछा गया था कि भारत में सीएए को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। क्या ट्रम्प इस बारे में भारत से बात करेंगे। नाम न बताने की शर्त पर इस अफसर ने कहा, “ट्रम्प दोनों देशों में लोकतंत्र और धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर पहले भी अपना नजरिया सार्वजनिक और निजी तौर पर साफ करते रहे हैं। संभावना है कि प्रधानमंत्री से बातचीत में भी ट्रम्प धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे पर बातचीत करेंगे। अमेरिका के लिए यह काफी अहम है। मोदी ने पिछला चुनाव जीतने के बाद अपने पहले भाषण में सभी को साथ लेने की बात कही थी। दुनिया आज भारत की तरफ देख रही है।”
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