बाजार में निवेशकों के 5 सबसे बड़े दुश्मन, जानिए कौन

नई दिल्ली। आज यानी शुक्रवार को शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। इस गिरावट की वजह से निवेशकों को 4.57 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो गया। वैसे बीते कुछ महीने में बाजार निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिसके पीछे कई वजह हैं। मौजूदा समय में जो बाजार निवेशकों के दुश्मन बने हुए हैं, उनमें कोरोना वायरस , विदेशी बाजार और आज प्रमुख रूप से यस बैंक है। वहीं रुपए में गिरावट और क्रूड ऑयल का प्रोडक्शन भी बड़ी वजहों या फिर दुश्मनों में शुमार किया जा सकता है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर आज की गिरावट में शेयर बाजार के दुश्मनों ने निवेशकों को किस तरह से नुकसान पहुंचाया...

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कोरोना वायरस का संकट
शेयर बाजार में कोरोना वायरस लगातार गहराता जा रहा है। देश ही नहीं पूरी दुनिया के शेयर बाजार सहमे हुए हैं। भारत में लगातार कोरोना वायरस के मरीजों में इजाफा हो रहा है। अब यह संख्या 30 से अधिक हो चुकी है। जिसकी वजह से शेयर बाजार में निवेशकों का भरोसा उठ रहा है। इक्विटी मार्केट से रुपया निकालकर निवेशक सोने में इंवेस्ट कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कोरोना वायरस की वजह से विदेशी निवेशकों की ओर से बिकवाली देखी जा रही है। जिसका असर भी बाजार में देखने को मिल रहा है।

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रुपए में गिरावट, डॉलर का भाव बढ़ा
डॉलर के मुकाबले में रुपए में गिरावट भी शेयर बाजार की सबसे बड़ी दुश्मन बनी है। अगर बात आज की करें तो डॉलर का भाव 74 के पार पहुंच गया। 31 अक्टूबर 2016 के बाद रुपया 74 प्रति डॉलर पर आ गया है। आज रुपए की शुरुआत आज भारी कमजोरी के साथ हुई थी। डॉलर के मुकाबले रुपया 62 पैसे की कमजोरी के साथ 73.94 के स्तर पर खुला था। वहीं, पिछले कारोबारी दिन डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे गिरकर 73.32 के स्तर पर बंद हुआ था। जिसकी वजह से भी शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली।

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यस बैंक पर कार्रवाई भी बनी बड़ी वजह
शेयर बाजार के गिरने की सबसे बड़ी वजह आज यस बैंक पर आरबीआई की कार्रवाई भी बनी है। जिसके बाद यस बैंक के शेयरों में 30 फीसदी का लोअर सर्किट लग गया है। मौजूदा समय में यस बैंक का शेयर 20.30 रुपए प्रति शेयर के साथ 52 हफ्तों के लो पर पहुंच गया है। आपको बता दें कि गुरुवार को भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से यस बैंक पर कार्रवाई करते हुए बोर्ड को खत्म कर दिया है और नया प्रबंधक बना दिया है। वहीं कोई भी ग्राहक अपने अकाउंट से 50,000 से ज्यादा रकम नहीं निकाल सकता है। सरकार ने 5 मार्च से 3 अप्रैल के बीच तक यस बैंक पर यह पाबंदी लगाई है। अगर किसी ग्राहक के पास 4 अकाउंट है तो वह सभी खातों को मिलाकर भी सिर्फ 50,000 रुपए ही निकाल सकता है।

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विदेशी बाजार में बड़ी गिरावट भी बनी बड़ा कारण
विदेशी बाजारों का भारतीय शेयर बाजार पर बड़ा असर दिखाई देता है। पहले बात अमरीकी बाजार की करें तो कोरोना का संकट बढऩे से कल के कारोबार में अमरीकी बाजार 3 फीसदी से ज्यादा की गिरावट के साथ बंद हुए। डाउ में 970 अंक और नैसडेक में 3 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली। अमरीकी बॉन्ड यील्ड 10 साल में रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई है। दूसरी ओर एशियाई बाजार भी कमजोर नजर आ रहे हैं। एसजीएसएक्स निफ्टी और निक्केई 3 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। स्ट्रेट टाइम्स, ताइवान का बाजार, हैंगसेंग, कोस्पी और शंघाई कम्पोजिट में 1 से 2.5 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे है।

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ओपेक के फैसले का भी पड़ा असर
वहीं ओपेक का फैसला भी शेयर बाजार पर असर डालता हुआ दिखाई दे रहा है। वास्तव में कोरोना संकट को देखते हुए ने दूसरी छमाही से रोजाना 15 लाख बैरल क्रूड प्रोडक्शन घटाने का फैसला ले लिया है। इस फैसले पर अब रूस की मंजूरी का इंतजार है। खास बात तो ये है कि जनवरी 2020 से 5 लाख बैरल क्रूड प्रोडक्शन कम चल रहा था। जो अब बढ़कर 20 लाख बैरल प्रति दिन हो जाएगा। आपको बता दें कि लगातार डिमांड घटने की वजह से ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 50 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गए हैं। हाल ही में गोल्डमैन सैक्स की ओर से संभावना जताई है कि एक महीने के बाद ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 45 डॉलर प्रति बैरल पर आ सकते हैं।



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