कोरोना के मरीजों नहीं देना होगा रुपया, बीमा कंपनियां उठाएंगी खर्च!

नई दिल्ली। पूरी दुनिया के साथ अब भारत भी कोरोना वायरस की चपेट में आ चुका है। देश में 29 मामले इस बात की गवाही दे रहे हैं कि जल्द ही कुछ ना किया गया तो यह आंकड़ा और ज्यादा बढ़ सकते हैं। वहीं दूसरी ओर सरकार और उसकी संस्थाएं लोगों को राहत देने के प्रयासों में जुटी हुई हैं। वहीं इंश्योरेंस रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी इरडा ने देश की सभी कंपनियों निर्देश जारी कर ऐसी पॉलिसी तैयार करने को कहा है कि जिसमें कोरोना वायरस को कवर किया जा सके। कोरोना वायरस के मरीजों को खर्च से बचाने के लिए दुनिया के किसी भी देश में अभी तक इस तरह का प्रस्ताव सामने नहीं आया है।

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जल्द से जल्द दावों का निपटारा
इरडा की ओर जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि हेल्थ इंश्योरेंस की जरुरत को पूरा के लिए बीमा कंपनियों को ऐसा प्रोडक्ट तैयार करने को कहा गया है जिसमें कोरोना वायरस के इलाज का खर्च भी कवर किया जा सके। वहीं इरडा की ओर से ऐसे मामलों का जल्द से जल्द से निपटाने निर्देश भी जारी किए हैं। इरडा के अनुसार जिन मामलों में अस्पताल में भर्ती होने का खर्च के साथ यह भी सुनिश्चित होना काफी जरूरी है कि कोरोना वायरस के मामलों का जल्दी निपटारा भी हो। सर्कूलर के अनुसार कोरोना वायरस के तहत आने वाले सभी दावों को निपटाने से पहले एक रिव्यू कमेटी उन दावों की समीक्ष करेगी। आपको बता दें कि देशभर के 21 एयरपोर्ट पर 6 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। जबकि नेपाल, भूटान और म्यांमार सीमा पर 10 लाख से अधिक की स्क्रीनिंग हुई है।

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क्या कह रही है बीमा कंपनियां
एसबीआई जनरल इंश्योरेंस के हेड सुब्रमण्यम बी ने इरडा के सर्कुलर पर कहा कि कोरोना वायरस के दावों का निपटारा तब ही हो सकता है कि जब पेंशेंट्स को 24 घंटे तक अस्पताल में भर्ती कराया गया हो, ज्यादातर हेल्थ पॉलिसी में उन मरीजों को कवर नहीं किया जाता जो अस्पताल में भर्ती नहीं होते हैं। अगर सरकार और वल्र्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन द्वारा इसे महामारी घोषित कर दिया जाता है तो बीमा राशि नहीं दी जाएगी, क्योंकि ऐसी बीमारियों को हेल्थ पॉलिसी में कवर नहीं किया जाता है।



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