Yes Bank संकट का प्रभाव निजी बैंकों पर भी, जमाकर्ताओं को सता रहा पैसा डूबने का डर

नई दिल्ली। यस बैंक का संकट अन्य निजी बैंकों पर भी प्रभाव डाल रहा है। लोगों को हर वक्त ये डर सता रहा है कि कहीं अन्य बैंकों में रखा उनका पैसा यस और पीएनबी बैकों के ग्राहकों की तरह डूब ना जाए। उपभोक्ताओं के इस डर को दूर करने के लिए दूसरे बैंकों को अपनी पूंजी और तरलता को स्पष्ट करने और जमाकर्ताओं की चिंताओं को दूर करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

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RBL, कर्नाटक बैंक और दक्षिण भारतीय बैंक अपने ग्राहकों को अलग-अलग तरीकों से समझाने में लगे हुए हैं कि उनकी वित्तीय स्थिरता ठीक है। सोमवार को rbi बैंक ने जमाकर्ता को स्पष्ट करते हुए बताया कि वे बैंकों से जुड़ी झूठी अपवाहों पर ध्यान ना दें क्योंकि ये बातें तथ्यों पर आधारित नहीं हैं।

जमाकर्ताओं की चिंता को देखते हुए RBI ने ट्वीट भी किया। RBI ने लिखा, 'बैंकों की जमा राशी को लेकर मीडिया के कुछ वर्गों में चिंता जाहिर की जा रही है। ये चिंताएं विश्लेषण पर आधारित हैं, जो गलत भी हो सकती है। बैंकों की सॉल्वेंसी ( उधार देने की क्षमता ) अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पूंजीगत भारित परिसंपत्तियों (सीआरएआर) पर आधारित होती है, न कि मार्केट कैप पर।

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RBI ने ट्वीट में आगे कहा कि सभी बैंकों पर हमारी कड़ी नजर है। RBI ने जमाकर्ताओं को आश्वासन देते हुए कहा कि उनका पैसा बैंकों में सुरक्षित है। उपभोक्ताओं को बैंक में रखी अपनी जमा राशि की सुरक्षा की चिंता करने की जरूरत नहीं है।

बता दें कि RBI का ये ट्वीट उस खबर के जवाब में था जिसमें एक समाचार चैनल की ओर से बैंकों के जमा और बाजार पूंजीकरण के अनुपात को लेकर गलत जानकारी दी गई थी। यह अफवाह व्हाट्सएप पर फॉरवर्ड की जा रही थी, जिसके बाद ये ख़बर वायरल हो गई।



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