(एरिक लिप्टन, डेविड सेंगर, मैगी हैबरमैन, माइकेल शीयर, मार्क मजेटी, जूलियन बार्न्स) कोरोनावायरस की महामारी से निपटने में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की लापरवाही के सबूत लगातार सामने आ रहे हैं। संक्रमण का पहला मामला पता लगने से पहले पूर्व सैनिक विभाग के वरिष्ठ मेडिकल सलाहकार डॉ. कार्टर मेचर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कड़े कदम उठाने का आग्रह कर रहे थे। उन्होंने 28 जनवरी को सरकार और विश्वविद्यालयों के स्वास्थ्य विशेषज्ञों को एक ई-मेल में लिखा था, बीमारी के विस्तार और नतीजों पर विश्वास करना मुश्किल लग रहा है। राष्ट्रपति के एक सलाहकार ने 29 जनवरी को वायरस से 5 लाख से अधिक मौतों की आशंका जताई थी। लेकिन, सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य जरूरी फैसले मार्च के मध्य में लिए गए।
ट्रम्प ने वायरस की गंभीरता को नजरअंदाज किया
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प नेजनवरी में बार-बार वायरस की गंभीरता को नजरअंदाज किया। उनका फोकस अन्य मामलों पर था। व्हाइट हाउस के उच्च सलाहकारों, विभिन्न विभागों और खुफिया एजेंसियों ने खतरे के संबंध में चेतावनी भी दी। आक्रामक कार्रवाई की सिफारिश की। लेकिन, ट्रम्प खतरे के संदेशों पर पानी डालते रहे। उन्हें अर्थव्यवस्था की अधिक चिंता थी।
ट्रम्प नेजनवरी के अंत में चीन से आवाजाही को सीमित करने का पहला ठोस कदम उठाया था। कांग्रेस से जरूरी मेडिकल सामान, टेस्टिंग के लिए पैसे की मंजूरी लेने के फैसले में ढील दी गई। संसद में महाभियोग की कार्रवाई के कारण ट्रम्प सरकार में बैठे लोगों पर संदेह कर रहे थे।
ठंडे बस्ते में डाला गया वायरस के निपटने का मामला
चीन से निपटने के सवाल पर भी ट्रम्प प्रशासन में गहरे मतभेद रहे। व्यापार वार्ता के दौरान चीन को अस्त-व्यस्त न करने के कारण वायरस का मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। न्यूयॉर्क टाइम्स ने दर्जनों पूर्व और वर्तमान अधिकारियों से बातचीत, ई-मेल और अन्य दस्तावेजों की समीक्षा से जानलेवा वायरस से निपटने में देर की प्रक्रिया का पता लगाया है।
11 करोड़ लोगों के संक्रमित होने का अनुमान लगाया था
फरवरी के अंतिम सप्ताह में डा. कैडलेक की अगुआई में एक टास्क फोर्स ने 11 करोड़ लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने, 77 लाख लोगों के अस्पताल में भर्ती होने और पांच लाख 86 हजार मौतों का अनुमान लगाया था। टास्क फोर्स के सदस्य राष्ट्रपति से तत्काल मिलना चाहते थे लेकिन राष्ट्रपति भारत यात्रा पर निकल गए। 25 फरवरी को जब ट्रम्प एयरफोर्स वन विमान से भारत से लौट रहे थे तब नेशनल इम्युनाइजेशन, रेस्पिरेटरी डिसीज सेंटर की डायरेक्टर डॉ. नेंसी मेसोनियर ने तबाही की सार्वजनिक चेतावनी जारी कर दी। इसके साथ ही शेयर मार्केट ढह गया।
बेवजह दहशत फैलाने पर ट्रम्प ने स्वास्थ्य सेक्रेटरी पर नाराजगी जताई
26 जनवरी को भारत लौटने पर ट्रम्प ने स्वास्थ्य सेक्रेटरी एलेक्स एजार से इस पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा-डा. मेसोनियर ने बेवजह दहशत फैला दी है। सोशल डिस्टेंसिंग टाल दी गई। फरवरी और मार्च की शुरुआत तक ट्रम्प सरकार ने मास्क और अन्य सुरक्षा उपकरणों के लिए ऑर्डर जारी नहीं किए थे। 16 मार्च को सोशल डिस्टेंसिंग के आदेश जारी करने के बाद भी राष्ट्रपति कहते रहे कि वे अस्थायी प्रतिबंधों को भी हटाना चाहते हैं।
देर से लिए गए सभी जरूरी फैसले
- नेशनल सिक्योरिटी कौंसिल को जनवरी की शुरुआत में वायरस फैलने की कई खुफिया रिपोर्ट मिली थी।
- कौंसिल ने कुछ समय बाद शिकागो जैसे शहरों में लॉकडाउन और अमेरिकियों के घर से काम करने के विकल्प सामने रखे थे।
- 16 मार्च को देशभर में सोशल डिस्टेंसिंग लागू करने का निर्णय लिया गया। राष्ट्रपति कहते रहे कि अप्रैल में गर्मी बढ़ने पर वायरस गायब हो जाएगा।
- स्वास्थ्य एवं मानव सेवाओं के सेक्रेटरी एलेक्स अजार 30 जनवरी तक ट्रम्प को महामारी फैलने की चेतावनी तीन बार दे चुके थे।
- राष्ट्रपति के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने 29 जनवरी को एक मेमो में महामारी से लगभग 5 लाख मौतों और खरबों डॉलर के आर्थिक नुकसान का जिक्र किया था।
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