दुनिया के 200 से ज्यादा देशों में कोरोना का कहर जारी है। जिस तेजी से यह फैला, इससे होने वाले नुकसान को रोकने के लिए देशों को तत्काल और सख्त फैसले लेने की जरूरत थी। चीन के हुबेई में लॉकडाउन हो या अमेरिका में विदेश से आने वाले लोगों पर पूरी तरह प्रतिबंध। न्यूजीलैंड में सख्त लॉकडाउन से मौतों का आंकड़ा सिर्फ 4 पर रोक देना। कुछ ऐसे फैसले थे, जिन्होंने इन विश्व नेताओं की मजबूत छवि पेश की। अपने देश की जनता में ये लोग नायक की तरह स्थापित हो गए। उधर ताइवान जैसा देश चीन का हिस्सा होते हुए भी, तीन महीने बाद संक्रमण के आंकड़े को 400 पर रोके रखने में सफल रहा। वहीं, कुछ राष्ट्र नेता तुरंत और दूरगामी फैसले नहीं ले पाइए, जिससे उनके देश बुरी स्थिति में पहुंच गए। पढ़िए विस्तार से...
शी जिनपिंग: चीन में फिर भरोसेमंद नेता बनकर उभरे
- कोरोना की शुरुआत चीन से ही हुई, पर दुनिया से बात छिपाई गई।
- इसके बाद वुहान जैसे शहरों में लाखों लोगों को लॉकडाउन किया।
- इससे देश के बाकी हिस्सों में तक फैलने से रोकने में मदद मिली।
- कई देश चीन की आलोचना कर रहे, पर शी को चीन में श्रेय मिला।
डोनाल्ड ट्रम्प: 50% मानते हैं कि स्थिति संभाल ली
- अमेरिका में 50% लोग मानते हैं कि ट्रम्प ने स्थिति को संभाल लिया।
- विपक्ष का आरोप- वे महत्वपूर्ण 6 हफ्तों में इसे लेकर गंभीर नहीं थे।
- सहयोगी मानते हैं कि चीन-यूरोप पर जल्दी बैन लगाया, यह जरूरी था।
- न्यूयॉर्क, लॉस एंजेलिस में मेडिकल शिप भेजना भी बड़ा फैसला था।
जे.बोल्सोनारो: क्वारैंटाइन उपायों को कमजोर किया
- ब्राजील के राष्ट्रपति बारिश में घूमकर फोटो खिंचवाते रहे।
- उन्होंने आइसोलेशन भी जल्द खत्म करने की बात कही।
- हर समय चिकित्सा अधिकारियों की सलाह अनसुनी करते रहे।
- ब्राजील के अखबार ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय खलनायक बताया।
जसिंदा अर्डर्न: दूरदर्शिता दिखाई, नुकसान रोक लिया
- देश में असहमति के बावजूद, 25 मार्च से लॉकडाउन किया।
- इसी रात लोगों से फेसबुक पर बात की, ट्रैक सूट पहने हुए थीं।
- इन्हीं कोशिशों के कारण देश में कोरोना से सिर्फ 4 मौतें हुईं।
- आंतकी हमले से लेकर अब तक उनकी भूमिका निर्णायक की रही।
साई इंग वेन: दिसंबर से ही स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी
- सार्स से सबक: दिसंबर अंत से चीनी लोगों की स्क्रीनिंग शुरू की।
- कोरोना का इंसानों में फैलाव बताया, पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
- अमेरिका, स्पेन और इटली को 1 करोड़ मास्क की मदद दे चुकी हैं।
- अर्थव्यवस्था सामान्य है। देश में स्कूल-कॉलेज सामान्य चल रहे हैं।
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