अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित गुरुद्वारे पर 25 मार्च को हमला कर 27 सिखों की जान लेने वाला पाकिस्तानी मूल का आईएसआईएस का आतंकी अपने चार साथियों संग गिरफ्तार कर लिया गया है। नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के सीनियर अधिकारियों के मुताबिक, आतंकी मावलवी अब्दुल्लाह इस्लाम फारूकी शनिवार को गिरफ्तार किया गया है।
अफगानिस्तान नेशनल डायरेक्टोरेट ऑफ सिक्योरिटी (एनडीएस) यह जानकारी जल्द ही जानकारी भारतीय सुरक्षा एजेंसी के साथ शेयर करेगी। सूत्रों के मुताबिक, फारूकी का संबंध पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और हक्कानी नेटवर्क से है।
अफगानिस्तान में300 सिख परिवार हैं
25 मार्च की सुबह 7.30 बजे हुए हमले के वक्त गुरुद्वारे में 150 से ज्यादा लोग प्रार्थना के लिए जुटे थे, इनमें 27 की मौत हो गई और कई गंभीर घायल हो गए थे। हमले के बाद सुरक्षाबलों ने गुरुद्वारे की घेराबंदी कर जवाबी कार्रवाई की थी। इसमेंचार आतंकियोंं को मार गिराया था। अफगानिस्तान में करीब 300 सिख परिवार रहते हैं। इनकी संख्या काबुल और जलालाबाद में अधिक है। इन्हीं दो शहरों में गुरुद्वारे भी हैं। भारत ने इस हमले की निंदा की थी।
फारूकी गिरफ्तारी से आतंकी जड़ों की जानकारी मिलेगी
एजेंसियों द्वारा बनाए गए डोजियर के मुताबिक, ‘‘फारूकी का असली नाम अब्दुल्ला उरकजई है। वह पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के ओरकजई जिले की मामोजई आदिवासी जनजाति से है। अप्रैल 2019 में उसने आईएसआईएस की खोरासन विंग के चीफ के रूप में खुद को घोषित किया है। इससे पहले इस विंग का प्रमुख मावलवी जिआ उल हक था।’’ भारतीय अधिकारियों के उम्मीद है फारूकी की गिरफ्तारी से पाकिस्तान में मौजूद आतंक की जड़ों के बारे में जानकारी मिल सकेगी।
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