पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर शनिवार को वनडे वर्ल्ड कप 2011 के विनिंग मोमेंट को याद किया। सचिन ने कहा कि श्रीलंका के खिलाफ फाइनल मुकाबले में उन्होंने ही कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को एक स्थान ऊपर 5वें नंबर पर आकर बल्लेबाजी करने के लिए कहा था। जब विराट कोहली के रूप में चौथा विकेट गिरा था, तब बाएं हाथ के बल्लेबाज गौतम गंभीर क्रीज पर थे। सचिन ने लेफ्ट-राइट का कॉम्बिनेशन बनाने के लिए दाएं हाथ के बल्लेबाज धोनी को ऊपर भेजा। जबकि छठे नंबर पर शानदार फॉर्म में चल रहे राइट हैंड बेट्समैन युवराज सिंह को आना था। गंभीर-धोनी के बीच 5वेंं विकेट के लिए 109 रन की साझेदारी हुई थी। धोनी ने आखिरी बॉल पर छक्का लगाकर मैच जिताया था।
भारतीय टीम ने फाइनल में श्रीलंका को 6 विकेट से हराया था। कपिल देव की कप्तानी में 1983 के बाद भारतीय टीम ने महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में 2011 में दूसरी बार वनडे वर्ल्ड कप खिताब जीता था। जिसे 2 अप्रैल को 2020 को 9 साल पूरे हो गए हैं। युवराज मैन ऑफ द सीरीज रहे थे। जबकि फाइनल में नाबाद 91 रन की पारी खेलने वाले धोनी मैन ऑफ द मैच रहे थे। वहींं,वर्ल्ड कप जीतने के बाद खिलाड़ियों ने सचिन को कंधे पर उठाकर मैदान का ‘लैप ऑफ ऑनर’ लगाया था।
श्रीलंकाई स्पिनर के लिए लेफ्ट-राइट कॉम्बिनेशन बनाया
सचिन ने एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए कहा कि श्रींलका में दो शानदार स्पिनर खेल रहे थे, इसलिए मुझे लगा की बल्लेबाजी में लेफ्ट-राइट कॉम्बिनेशन बनाए रखना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘‘गौतम शानदार बल्लेबाजी कर रहा था। उसके साथ धोनी जैसा बल्लेबाज ही लगातार स्ट्राइक बदल सकता था। तभी मैंने वीरू (वीरेंद्र सहवाग) से संदेशा भिजवाया। मैंने वीरू से कहा कि तू ओवर के बीच में जाकर सिर्फ ये बात बाहर जाकर एमएस (धोनी) को बोल देना और अगला ओवर शुरू होने से पहले वापस आ जाना। मैं यहां से नहीं हिलने वाला।’’
सचिन ने कहा, ‘‘जैसा मैंने कहा था, वीरू ने वैसा ही किया। इसके बाद धोनी ड्रेसिंग रूम में लौट गए। यहां उन्होंने कोच गैरी कर्स्टन से इस रणनीति पर बात की। हमारे (सचिन-वीरू) आउट होने के बाद गैरी और धोनी समेत हम चारों ने मिलकर इस पर चर्चा की। गैरी को अटैकिंग के लिए लेफ्ट-राइट की रणनीति बेहतरीन लगी। धोनी भी इस पर राजी भी हो गए और 5वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए।’’
‘धोनी ने कोच से कहा था कि वे मुरली को अच्छे से खेल सकते हैं’
वहीं, ऑलराउंडर सुरेश रैना ने कहा कि धोनी मुरलीधरन को अच्छे से खेल सकते हैं, इसलिए बल्लेबाजी क्रम में ऊपर आए थे। उन्होंने कहा, ‘‘इस दिन गंभीर का विश्वास से भरा हुआ था। उसको देखकर मुझे ऐसा लगा, जैसे वह हमारे लिए वर्ल्ड कप जीतना चाहता है। धोनी (नाबाद 91 रन) फार्म में चल रहे युवराज के पहले बल्लेबाजी करने आए थे। धोनी ने कोच गैरी कर्स्टन से कहा था कि वे मुरलीधरन को अच्छे से खेल सकते हैं, इसलिए वे पहले जाना चाहते हैं। मुझे याद है कि सबकुछ कितने अच्छे से हुआ था।’’
फाइनल में गंभीर ने 97 और धोनी ने नाबाद 91 रन बनाए थे
मुंबई में खेले गए 2011 वर्ल्ड कप फाइनल में श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 6 विकेट पर 274 रन बनाए थे। टीम के लिए महेला जयवर्धने ने 103 रन की नाबाद पारी खेली थी। इसके जवाब में भारतीय टीम ने 4 विकेट पर 277 रन बना लिए थे। टीम के लिए गौतम गंभीर ने 97 और कप्तान धोनी ने नाबाद 91 रन बनाए थे। जबकि सचिन 18 रन और सहवाग शून्य पर पवेलियन लौट गए थे।
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