पीपीई किट और खास मास्क पहनकर उतरे जवान, रायफल की जगह डिसइन्फेक्शन गियर लिए दिखे

आमतौर पर आर्मी डे पर मिसाइल, सबमरीन और हथियारबंद वाहनों की परेड होती है। फ्लाई पास्ट भी कराया जाता है। लेकिन, ईरान ने कोरोना संकट के बीच शनिवार को अपना 42वांसेना दिवस मनाया। इस मौके पर मिसाइलों और हथियारों की जगह डिसइन्फेंक्शन वाहन, मोबाइल एंबुलेंस और मेडिकल उपकरण की परेड निकाली गई।

जवानों के हाथ में राइफलों की जगह कोरोना के संक्रमण से बचाने वाले डिसइन्फेक्शन गियर नजर आए। उन्होंने पीपीई किट पहनी हुई थी। साथ ही कुछ जवान खास तरह से बने मास्क पहने हुए नजर आए। वहीं, इससे पहले शुक्रवार को डिफेंडर्स ऑफ द होमलैंड, हेल्पर्स ऑफ हेल्थ आर्मी की परेड निकाली गई थी। इसमें आर्मी कमांडर ने कोरोना से लड़ने में मिलिट्री की भूमिका को रेखांकित किया।

राष्ट्रपति बोले- डॉक्टर्स और नर्स युद्ध के मैदान में सबसे आगे

रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान में अब तक करीब 81 हजार लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। 5031 लोगों की मौत हो चुकी है। उधर, राष्ट्रपति हसन रूहानी ने जवानों के नाम जारी संदेश में कहा,‘अभी हालात सामान्य नहीं हैं। हमारे दुश्मन छुपे हुए हैं। डॉक्टर और नर्स युद्ध के मैदान में सबसे आगे हैंइसलिए सामान्य तरीके की परेड आयोजित नहीं हो सकती है।’ उन्होंने मिलिट्री के 11,000 मेडिकल स्टाफ का आभार जताया, जो कोरोना संकट में देशभर के अस्पतालों में मुस्तैद हैं।



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ईरान ने कोरोना संकट के बीच शनिवार को अपना 42वां सेना दिवस मनाया।


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