सऊदी के किंग सलमान का नया आदेश- देश में नाबालिगों को नहीं दी जाएगी मौत की सजा

सऊदी अरब में नाबालिगों को मौत की सजा नहीं होगी। यहां के किंग सलमान ने रविवार को नाबालिगों को मौत की सजा नहीं देने का आदेश जारी किया। देश के एक शीर्ष अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है। किंग ने 10 साल की कैद काट चुके लोगों के मामलों की समीक्षा करने और उनकी आगे की सजा माफ करने का भी आदेश दिया है। पिछले दो दिन में ही यहां की दो कठोर सजा खत्म की गई है। शनिवार को ही यहां कोड़े मारने की सजा पर रोक लगाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट के सजा के तरीके पर टिप्पणी करने के बाद यह फैसला किया गया था। अब यहां कोड़े मारने की सजा को जेल या जुर्माने यामें बदला गया है।

ऐसा माना जा रहा है कि किंग सलमान के बेटे और क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान की वजह से इस्लामिक कानून के तहत कठोर सजा के प्रावधान बदले गए हैं। इस्लामिक कानून कट्टरपंथी वहाबी मान्यताओं पर आधारित है। दुनिया के कई देशों में इसका पालन होता है।

कम से कम छह लोगों की मौत की सजा समाप्त होगी

किंग सलमान के आदेश से देश में कम से कम छह लोगों की मौत की सजा खत्म हो जाएगी। ये सभी अल्पसंख्यक शिया समुदाय के हैं और इनकी उम्र18 साल से कम है। हालांकि नाबालिगों से जुड़े आतंकी गतिविधियों वाले मामलों पर अलग से सुनवाई का आदेश जारी किया गया है। यहां पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों में शामिल होने पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का मामला दर्ज होता है। ऐसे मामलों में देश की कानून व्यवस्था बिगाड़ने और राजा के आदेश का उल्लंघन का आरोप लगाया जाता है।

क्राउन प्रिंस ने अपनाई हैं कई उदारवादी नीतियां
क्राउन प्रिंस लमान ने सऊदी अरब में कई उदारवादी नीतियां अपनाई हैं। उन्होंने 2018 में देश में महिलाओं को कार चलाने की अनुमति दी थी। इसे सऊदी का एतिहासिक क्षण बताया गया था। उनकी कई कोशिशों को सराहा गया है, लेकिन मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामले में उन्हें आलोचना भी झेलनी पड़ी है। वॉशिंगटन पोस्ट केपत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बाद उन पर गंभीर आरोप लगे हैं।2019 में तुर्की के सऊदी दूतावास में खशोगी कीहत्या कर दी गई थी



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
सऊदी अरब के किंग सलमान ने नाबालिगों को मौत की सजा पर रोक लगाने का आदेश जारी किया। इससे पहले बेंत मारने की सजा पर भी रोक लगाई गई थी। देश ने बीते दो दिनों में इस्लामिक कानून के तहत दो कठोर सजाएं खत्म की है।


Post a Comment

0 Comments