अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प कि उनका प्रशासन देश की अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने की योजना बना रहा है। मौजूदा समय में देश के 40 राज्यों ने लोगों को घरों में रहने का निर्देश जारी किया है। ट्रम्प से जब पूछा गया कि क्या वे राज्यों के आदेश को दरकिनार करेंगे तो उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के तौर पर उन्हें सभी फैसले लेने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा, ‘‘जब कोई अमेरिका का राष्ट्रपति होता है, उसे संपूर्ण अधिकार होता है। यह पूरी तरह से होता है, गवर्नर भी इसे जानते हें। हम राज्यों के साथ काम करने जा रहे हैं।’’
अमेरिका में कोरोना पॉजिटिव मामलों की संख्या स्पेन से चार गुणा ज्यादा है। यह इस महामारी से होने वाली मौतों के मामले में भी दुनिया में दूसरे स्थान पर है। यहां अब तक 23 हजार 640 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, देश में संक्रमण के मामले पांच लाख 86 हजार से ज्यादा हो गए हैं। वहीं, न्यूयॉर्क में एक लाख 95 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं।
पाबंदिया हटाने को लेकर क्या कहता है अमेरिकी संविधान?
अमेरिका के संविधान के मुताबिक, पब्लिक ऑर्डर और लोगों की सुरक्षा से जुड़े मामले राज्य देखेंगे। कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक, कोरोना को लेकर लगाई गई पाबंदियों को हटाने की जिम्मेदारी राज्यों की है। राष्ट्रपति राज्यों के कोरोना से जुड़े सार्वजनिक सुरक्षा के आदेशों को पलट नहीं सकते। ऐसे में ट्रम्प का खुद से इस पर एकतरफा फैसला करना राज्यों के अधिकारों में दखल देना होगा। वहीं, ट्रम्प ने दावा किया अमेरिका के स्थापना की चार्टर में कई ऐसे प्रावधान हैं, जिसमें राष्ट्रपति को राज्यों से जुड़े फैसले लेने का अधिकार है। हालांकि, ट्रम्प ने यह नहीं बताया कि यह कौन से चार्टर हैं।
कई राज्यों में पाबंदिया हटाने की कवायद तेज
अमेरिका के कई राज्यों ने पॉजिटिव मामले और मौतों की संख्या कम होने का दावा किया है। इन राज्यों ने ट्रम्प प्रशासन से चर्चा किए बिना पाबंदियां हटाने की कवायद तेज कर दी है। न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी, रोड आईलैंड, कॉनेक्टिकट, डेलावेयर और पेंसिल्वेनिया में अधिकारियों ने इस पर मंथन शुरू कर दिया है। न्यूयॉर्क में 10 हजार से ज्यादा मौतें और एक लाख 95 हजार से ज्यादा संक्रमित मिलने के बाद भी पाबंदियां हटाने की बात कही जा रही है। न्यूयॉर्क के गवर्नर माइकल क्यूमो ने सोमवार को दावा किया कि मामले कम हो रहे हैं। हमारी बुद्धिमानी होगी कि हम स्थिति सामान्य करने पर ध्यान दें।
डब्ल्यूएचओ ने कोरोना को स्वाइन फ्लू से 10 गुणा घातक बताया
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने स्थानीय समयानुसार सोमवार को कहा कि कोरोना स्वाइन फ्लू से 10 गुणा ज्यादा घातक है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस गेब्रेसस ने कहा कि दुनिया के कई देशों में इसके सबूत मिले हैं। हमें यह भी पता चला है कि इस महमारी को कैसे रोकना है और इसका इलाज कैसे करना है। इसकी रोकथाम के लिए लागू पाबंदियों को धीरे-धीरे हटाया जाना चाहिए, लेकिन बीमारी को काबू करने पर भी ध्यान होना चाहिए। ऐसा एक बार में नहीं होगा। अगर कॉनटैक्ट ट्रेसिंग की क्षमता के साथ सही स्वास्थ्य उपाय लागू हों तो ही ऐसा किया जा सकता है। इसका आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य के क्षेत्र में असर हुआ है। ऐसे में महामारी से और दूसरी बीमारी से होने वाली मौतों में संतुलन बनाए रखने की जरूरत है।
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