डब्ल्यूएचओ की सलाह- पाबंदिया हटाने वाले देश ज्यादा सतर्क रहें, सावधानी नहीं बरती तो संक्रमण दोबारा फैलने का खतरा

दुनिया के कई देशों ने कोरोना की वजह से लगाई गई पाबंदियां हटानी शुरू कर दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ऐसे देशों को ज्यादा सतर्क रहने के लिए कहा है। डब्ल्यूएचओ के इमरजेंसी प्रोग्राम के प्रमुख डॉ माइक रैयान ने सोमवार को कहा, ‘’अब हमें कुछ उम्मीद नजर आ रही है।दुनिया के कई देश तथाकथित लॉकडाउन हटा रहे हैं, लेकिन इसके लिए अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।
उन्होंने कहा अगर बीमारी कम स्तर में मौजूद रहती है और इसके क्ल्सटर्स की पहचान करने की क्षमता नहीं हो तो हमेशा वायरस के दोबारा फैलने का खतरा रहता है। जो देश बड़े पैमाने पर संक्रमण रोकने की क्षमता नहीं होने के बावजूद पाबंदिया हटा रहे हैं, उनकी गणना खतरनाक है।’’

बेहतर सर्विलांस दोबारा वायरस को फैलने से रोकने में अहम
रैयान ने कहा कि मुझेउम्मीद है कि जर्मनी और दक्षिण कोरिया नए क्लसटर्स की पहचान कर सकेंगे। इन दोनों देशों में लॉकडाउन हटाने के बाद दोबारा संक्रमण फैल गया है। उन्होंने इन दोनों देशों के सर्विलांस की सराहना की। रैयान ने कहा कि बेहतर सर्विलांस वायरस को दोबारा फैलने से रोकने के लिए जरूरी है। यह अहम है कि हम ऐसे देशों का उदाहरण दें जो अपनी आंखें खोल रही हैं और इन्हें खुला रखने की इच्छुक हैं। वहीं, कुछ ऐसे देश भी हैं जो आंखें मूंद कर इस बीमारी से बचने की कोशिश में हैं।

पाबंदिया हटाना मुश्किल और कठिन: डॉ. टेड्रॉस गीब्रियेसस

डब्ल्यूएचओ के निदेशक डॉ. टेड्रॉस गीब्रियेसस ने कहा कि पाबंदिया हटाना मुश्किल और कठिन है। अगर इसे धीरे-धीरे और लगातार हटाया जाए तो इससे जान और रोजगार बचाए जा सकेंगे। संक्रमण की दूसरी लहर देख रहे जर्मनी, दक्षिण कोरिया और चीन जैसे देशों के पास इससे निपटने की सभी प्रणाली मौजूद है। जब तक वैक्सीन उपलब्ध न हो, बचाव के उपाय अपनाना ही वायरस से निपटने का प्रभावी हथियार है।



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डब्ल्यूएचओ के इमरजेंसी प्रोग्राम के प्रमुख डॉ. माइक रैयान ने कहा है कि लॉकडाउन हटाने वाले देश अधिक सावधानी बरतें। अगर नए मामलों की पहचान में चूक हुई तो वायरस संक्रमण की दूसरी लहर शुरू हो सकती है।(फाइल फोटो)


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