कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए पीपीआई किट, वेंटिलेटर जैसे संसाधन जुटा रहा ताइवान, 2.4 करोड़ की आबादी वाले देश में सिर्फ 7 मौतें हुईं

ताइवान दुनिया के ऐसेचुनिंदा देशों में शामिल है, जिन्होंने कोरोनावायरस के संक्रमण को बहुत हद तक रोकने में कामयाबी पाई। अब ऐसे समय जब कोरोना की दूसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है, ताइवान ने तैयारी के रूप में संसाधनजुटाना शुरू कर दिया है। इसमें खाद्य सामग्री, मेडिकल सामग्री जैसे सर्जिकल मास्क, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट और वेंटिलेटर आदि शामिल हैं।

आर्थिक मामलों के उप मंत्री लिन चुआन-नेंग ने एक इंटरव्यू में बताया कि सरकार उपलब्ध सामग्री की समीक्षा करेगी और जरूरत के अनुसार कदम उठाएगी। वह कम उपलब्ध सामान के घरेलू उत्पादन में भी निवेश करेगा। लिन कहते हैं, "कोरोना महामारी से ताइवान ने एक सबक सीखा है। सरकार के पास इतनी पर्याप्त सामग्री होनी चाहिए कि आम लोगों को जरूरत की सामग्री की सप्लाई की जा सके। हमें आगे की तैयारी के लिए योजना बनाने की जरूरत है।

चीन के दबाव में डब्ल्यूएचओ से बाहर कर दिया गया

चीन के दबाव में ताइवान विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य वैश्विक संस्थाओं से बाहर हो चुका है। ऐसे में उसे सारी तैयारी खुद ही करनी है। यह उन देशों के लिए मूल्यवान सबक है, जो इसी तरह के कदम उठाना चाहते हैं।

21 जनवरी को पहला कोरोना केस मिलने के बाद 2.4 करोड़ की आबादी वाले इस देश में संक्रमण के 500 से भी कम केस सामने आए और 7 मौतें हुईं। यही नहीं, यहां न अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाला कोई बंद किया गया, न ही स्कूलों में ताले डाले गए।

बीजिंग में 7 रिहायशी इलाकों में लॉकडाउन
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ताइवान की सफलता इसलिए भी अहम है, क्योंकि यह चीन की सीमा से लगा है, जहां का वुहान शहर जनवरी में पूरी तरह से चपेट था। अधिकारी घरेलू हॉटस्पॉट खत्म करने में ही जुटे रहे हैं। चीनी सरकार ने बीजिंग में इसी हफ्ते 100 केस सामने आने के बाद 7 रिहायशी इलाकों को लॉकडाउन किया है।

जनवरी से ही मास्क बनाने लगे थे

ताइवान की सफलता का आधिकारिक श्रेय फेस मास्क का जल्द संग्रह और डिस्ट्रीब्यूशन है। जनवरी की शुरुआत में ही सरकार ने वहां बने मास्क जुटाना शुरू कर दिए थे और एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगा दी थी। सैनिकों को प्रोडक्शन में लगाया गया और अतिरिक्त उपकरणों के लिए सरकार ने सहायता दी। चार महीने में ही कंपनियों का उत्पादन 20 लाख से बढ़कर 2 करोड़ यूनिट प्रतिदिन हो गया। इससे ताइवान में नियमित रूप से मास्क बांटना संभव हो सका।

ये समय कुछ करने का मौका भी लेकर आया है

लिन कहते हैं, "हम मास्क इकट्ठा करने के अनुभव का इस्तेमाल अन्य आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई चेन बनाने में करेंगे।' ऐसी व्यवस्था के चलते कुछ घरेलू कंपनियों के लिए महामारी अप्रत्याशित मुनाफे का मौक लेकर आई है।

वेंटिलेटर बनाने वाली कंपनी के शेयर 4 साल के उच्चतम स्तर पर

वेंटिलेटर बनाने वाली कंपनी के शेयर 4 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए। मास्क सप्लाई करने वाली कंपनी के शेयर जून में एक्सपोर्ट से प्रतिबंध हटने के बाद चढ़ गए। ताइवान का मानना है कि स्टोर्स में आटा, सोयाबीन तेल, कैन्ड फूड, इंस्टेंट नूडल्स और टॉयलेट पेपर का संग्रह बढ़ाने में एक से तीन महीने लगेंगे। वहीं फिलहाल 90 दिन का तेल का स्टॉक है।

प्रधानमंत्री साई इंग-वेन ने भी कहा था कि यह पहल ताइवान की छह आर्थिक प्राथमिकताओं में से एक है। अगले 4 साल में ताइवान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इंडस्ट्री स्थापित करेगा, जो अहम चीजों की सतत सप्लाई सुनिश्चित करेंगी।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
चीन के दबाव में ताइवान विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य वैश्विक संस्थाओं से बाहर हो चुका है। ऐसे में उसे कोरोना से निपटने के लिए सारी तैयारी खुद ही करनी है।


Post a Comment

0 Comments