ऑस्ट्रेलिया के सरकारी और निजी क्षेत्र पर बड़ा साइबर अटैक हुआ है। बताया जा रहा है कि इसके पीछे किसी देश का हाथ है। चीन पर भी शक जताया जा रहा है, हालांकि प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा है कि वे खुलेतौर पर नाम लेकर किसी पर आरोप नहीं लगा रहे हैं। उन्होंने साफ कियाकि अब तक की जांच में कोई बड़ा डेटा चोरी होने की बात सामने नहीं आई है।
मॉरिसन ने शुक्रवार को कैनबरा में मीडिया को बताया कि यह हमला सरकार, उद्योग, राजनीतिक संगठन, शिक्षा, स्वास्थ्य और जरूरी सेवा समेत हर क्षेत्र पर किया जा रहा है।उन्होंने यह भी कहा कि यह कोई नई बात नहीं है, लेकिन बीते कुछ महीनों में ये बढ़े हैं।
तरीका बताता है कि इसके पीछे कोई देश है
उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि यह किसी देश की ओर से किया गया हमला है, इसका तरीका यह साबित करता है। ऑस्ट्रेलिया की सरकार इसके प्रति सचेत है और आगाह भी कर रही है।’’ उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया अपने करीबी सहयोगियों और साझेदारों के साथ इस खतरे पर काम कर रही है।
जानकारी इसलिए दे रहे, ताकि लोग जागरूक हों
मॉरिसन ने कहा कि वे इस बारे में सार्वजनिक रूप से बोलकर चिंता नहीं जता रहे हैं, बल्कि ऐसा जागरूकता के लिए किया जा रहा है। उन्होंने संस्थाओं खासतौर पर जो स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी जरूरतों और जरूरी सेवाओं से जुड़े हैं उनका हौसला बढ़ा रहे हैं। उनसे कहा जा रहा है कि वे अपनी तकनीकी की सुरक्षा के उपाय करें।
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