मुंबई फिल्म इंडस्ट्री इन दिनों इनसाइडर और आउटसाइड के खेमे में बंट चुकी है। हर दूसरे दिन इसे लेकर नए-नए आरोप सुनने और देखने को मिल रहे हैं। नया मामला महिमा चौधरी का सामने आया है, जिन्होंने एक इंटरव्यू में कहा है कि अपनी फिल्म 'परदेस' के समय निर्देशक सुभाष घई ने उन्हें बड़े पैमाने पर बुली किया था और काम को लेकर ढेर सारी पाबंदियां लगा दी थीं।
महिमा ने आरोप लगाते हुए कहा कि उस वक्त घई ने ट्रेड मैगजीन में ऐड तक निकलवा दिया था कि कोई भी शो या फिल्म सुभाष घई की परमिशन के बिना महिमा चौधरी नहीं करेंगी। दैनिक भास्कर ने इस बाबत सुभाष घई से बात की और उनका पक्ष जाना।
हम आज भी अच्छे दोस्त हैं
सुभाष घई ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि 'यह वैसे तो रात गई, बात गई वाली बात है। फिर भी मैं यही कहना चाहूंगा कि मैं और महिमा आज भी अच्छे दोस्त हैं। 'परदेस' के बाद भी हम मिलते जुलते रहे। काम की बातें होती रहीं। हाल के वर्षों में उन्होंने मेरी फिल्म 'कांची' में भी काम किया था और इसके लिए एक पैसा भी नहीं लिया था।'
तीन फिल्मों का कॉन्ट्रैक्ट था
आगे उन्होंने कहा, 'हालांकि जो बात वे अब कह रही हैं, उसका संदर्भ मेरी कंपनी के साथ उनके कॉन्ट्रैक्ट को लेकर है। 'परदेस' के बाद उन्हें मेरी कंपनी के साथ दो और फिल्में करनी थीं और जैसा कि बाकी बैनरों के साथ भी होता है कि अगर वो किसी न्यूकमर को लॉन्च करते हैं तो उसके साथ तीन फिल्मों का कॉन्ट्रैक्ट होता है।'
कुछ लोगों ने उसे भड़का दिया था
'कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों के अनुसार इस दौरान वो किसी और बैनर के साथ काम नहीं कर सकता है। कुछ ऐसा ही मेरे और महिमा चौधरी के बीच भी था, लेकिन कुछ प्रोड्यूसर और ट्रेड एनालिस्ट ने महिमा को मेरे खिलाफ भड़का दिया, हमारे बीच गलतफहमियां पैदा कर दीं कि सुभाष घई जोर जबरदस्ती कर रहे हैं। पर ऐसा नहीं था।'
'महिमा जब उस वक्त नाराज हुईं तो मैंने वो कॉन्ट्रैक्ट भी बदल दिया था। जिसके बाद उन्होंने अन्य बैनर्स के साथ काम भी किया। और हमारी दोस्ती आज भी बरकरार है।' बता दें कि महिमा चौधरी को सुभाष घई ने ही 'परदेस' के जरिए लॉन्च किया था।
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